शत शत नेत्रों से बरसाकर नौ दिन तक अविरल अति जल। भूखे जीवों के हित दिए अमित तृण, अन्न, शाक शुचि फल।। ‘माता शताक्षी की तरह कोई दयालु हो ही नहीं सकता। अपने बच्चों का कष्ट देखकर वे नौ दिनों तक लगातार रोती ही रहीं।’ न शताक्षीसमा काचिद् दयालुर्भुवि देवता। दृष्ट्वारुदत् प्रजा स्तप्ता या नवाहं महेश्वरी।। (शिवपुराण, उ. सं. ५०।५२) …
Read More »LATEST UPDATES
यह है भीष्म पितामह की असली जीवन गाथा
भीष्म पितामह का असली नाम देवव्रत था। वे हस्तिनापुर के राजा शांतनु की पटरानी गंगा की कोख से उत्पन्न हुए थे। एक समय की बात है। राजा शांतनु शिकार खेलते-खेलते गंगा तट के पार चले गए। वहां से लौटते वक्त उनकी भेंट हरिदास केवट की पुत्री मत्स्यगंधा (सत्यवती) से हुई। मत्स्यगंधा बहुत ही रूपवान थी। उसे देखकर शांतनु उसके लावण्य पर मोहित हो …
Read More »क्या आपको पता है कैसे हुई भीष्म पितामह की पराजय…
महाभारत युद्ध के दसवें दिन भी भीष्म पितामह ने पांडवों की सेना में भयंकर मारकाट मचाई। यह देखकर युधिष्ठिर ने अर्जुन से भीष्म पितामह को रोकने के लिए कहा। अर्जुन शिखंडी को आगे करके भीष्म से युद्ध करने पहुंचे। शिखंडी को देखकर भीष्म ने अर्जुन पर बाण नहीं चलाए और अर्जुन अपने तीखे बाणों से भीष्म पितामह को बींधने लगे। इस प्रकार बाणों से छलनी …
Read More »भगवान शिव के 13 ऐसे दिव्य धाम जो भारत में नहीं हैं, पढ़ें विशेष जानकारी…
विदेशों में हैं शिव के अलौकिक 13 धाम, पढ़ें विशेष जानकारी… देश की धरती से दूर रहने के बाद भी संस्कार नहीं छुटते, परंपरा और रीति रिवाज नहीं छुटते। क्योंकि धर्म से जुड़ी अनुभूतियां हमारी रगों में रची बसी होती है। शिवरात्रि के आगमन के साथ ही भारत के मंदिरों में शिव के जयकारे लगने आरंभ हो जाते हैं वहीं …
Read More »भगवान शिव ने माता पार्वती को बताए थे मृत्यु के ये 8 महत्वपूर्ण संकेत
* मृत्यु के बारे में अगर आप भी कुछ ऐसा ही महसूस करते हैं तो समझिए मृत्यु निकट है, पढ़ें 8 विशेष संकेत जब इंसान मृत्यु के बारे में बात करता है और उसके बारे में सोचता है तो उसके दिमाग में एक अजीब सा डर बैठ जाता है। हालांकि, इंसान जानता है कि जीवन का सबसे बड़ा सत्य मृत्यु …
Read More »