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हाथ में लक्ष्मी त्रिकोण की ऐसे करें पहचान, आकार में जितना बड़ा होता है उतनी ही बढ़ती बचत

हर व्यक्ति धनवान होने की चाह रखता है. कुछ लोग अच्छी आय के बावजूद बचत नहीं कर पाते हैं. धन संग्रह न हो पाने से आकस्मिक स्थिति में उन्हें संघर्ष का सामना करना पड़ता है. हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हाथ के मध्य में मंगल और राहू पर्वत पर भाग्य रेखा, बुध रेखा और मस्तिष्क रेखा के संयोग से बनने वाला …

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बुध के ध्यान मंत्र से संभलेगा कारोबार, आर्थिक स्तिथि होगी मजबूत

बुध देव सूर्य के समीपस्थ के ग्रह हैं. उूर्जावान और प्रकृति प्रिय हैं. हरे रंग के कारक ग्रह हैं. हरा रंग तरक्की कर रंग है. लोगों को जोड़ने का रंग है. अपने अधिकार के लिए संघर्ष करने का रंग है. बुध इन सभी गुणों में सहायक हैं. बुध का ध्यान मंत्र बुधवार को सूर्याेदय के बाद पहली घटी यानि 24 …

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युधिष्ठिर को छोड़ द्रौपदी व बाकी पांडव नहीं जा पाए थे सशरीर स्वर्ग, जानिए….

भगवान श्रीकृष्ण की मृत्यु के पश्चात् वेदव्यास की बात मानते हुए राज-पाठ छोड़कर पांडवों ने द्रौपदी सहित सशरीर स्वर्ग जाने का निश्चय किया. स्वर्ग जाने से पहले युधिष्ठिर ने परीक्षित को सारा राज-पाठ सौंप दिया और द्रौपदी सहित सभी पांडव साधु का वस्त्र धारण कर स्वर्ग के लिए निकल पड़े. द्रौपदी सहित पांडव जब स्वर्ग जाने लगे तो उनके साथ-साथ …

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सत्कर्म से प्रसन्न होते हैं भाग्य के देवता शनि, पूजन से मिलता है अच्छे कार्याें का फल

जीवन में कमजोर समय आते ही लोग शनि के प्रभाव पर विचार करने लगते हैं. अक्सर जीवन में बड़े अवरोध शनि की साढ़ेसाती और ढैया में आते हैं. अवरोधों को दूर करने का सर्वाेत्तम उपाय यही है कि कर्म की शुचिता और स्पष्टता रखी जाए. सत्कर्म स्वयं में ईश्वर पूजा के समान हैं. सच्चाई और ईमानदारी से किए गए कार्य …

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तीन शादियां होने के बाद भी हनुमान जी कहलाते है बाल ब्रह्मचारी, जानिए….

हिन्दू धर्मशास्त्रों में पवनसुत हनुमान को राम भक्त के तौर पर जाना तथा पूजा जाता है। ऐसी प्रथा है कि हनुमान जी जीवन भर ब्रह्मचर्य धर्म का पालन करते हुए भगवान श्रीराम की सेवा करते रहे। किन्तु वहीं कुछ पौराणिक शास्त्रों में हनुमान जी के विवाहित होने की बात बताई गई है। यहां तक की आंध्रप्रदेश में हनुमान जी का …

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