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सदियों पहले चाणक्य ने बताए थे ये 7 रहस्य

अमूमन लोग आचार्य चाणक्य को कूटनीति और राजनीति के ज्ञाता मनाते हैं लेकिन आचार्य चाणक्य ने इंसानों को जीवन में सफलता के कई उपाए बताए हैं। आचार्य चाणक्य का जन्म करीब 300 ईसा पूर्व हुआ था। आचार्य चाणक्य का संबंध पाटलिपुत्र से था, जिसे उन्होंने अपनी कर्मभूमि बनाया। आचार्य चाणक्य नीतिशास्त्र और अर्थशास्त्र का जनक भी हैं। उनका कहना था …

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शाही सवारी में 6 रूपों में भक्‍तों को दर्शन देंगे महाकाल

उज्जैन। राजाधिराज भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण-भादौ मास की अंतिम व शाही सवारी सोमवार को निकलेगी। इसमें राजा अपनी प्रजा को छह रूपों में दर्शन देंगे। देश-विदेश के हजारों भक्त दर्शन को उमड़ेंगे। शाम 4 बजे मंदिर से सवारी शुरू होगी। परंपरागत मार्गों से होकर रामघाट पहुंचेगी। यहां पूजन पश्चात सवारी रात करीब 8.15 बजे मंदिर लौटेगी। भादौ कृष्ण नवमी …

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गणपति को क्यों नहीं चढ़ानी चाहिए तुलसी?

देवी-देवताओं को भोग अर्पित करने के साथ ही तुलसी भी चढ़ाई जाती है। पौराणिक मान्यता है कि तुलसी चढ़ाने से देवता तृप्त हो जाते हैं और शुभ फल देते हैं। वहीं गणेशजी को तुलसी चढ़ाना वर्जित माना जाता है। उन्हें भोग या किसी भी रूप में तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए। इसका कारण क्या है? वास्तव में एक पौराणिक कथा बताती …

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यहां भस्म हुआ था भगवान शिव के क्रोध से कामदेव

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में स्थित कामेश्वर धाम का संबंध एक विशेष घटना से है। कहा जाता है कि यहां भगवान शिव ने कामदेव को भस्म किया था। उस घटना के चिह्न आज भी यहां मौजूद हैं। जब शिव ने क्रोधित होकर कामदेव को भस्म कर दिया तो उस दौरान आम का एक पेड़ भी उसकी ज्वाला से बच …

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शिव के इस धाम में है कुछ ऐसा, दर्शन के बाद नहीं आते लोग दोबारा

शिवजी को समर्पित कई तीर्थों का मार्ग अत्यंत कठिन होता है। खासतौर से तिब्बत में स्थित कैलाश मानसरोवर की यात्रा बहुत कठिन मानी जाती है। इसी प्रकार शिव का एक और धाम अत्यंत कठिन मार्ग के लिए प्रसिद्ध है। कहते हैं कि जो एक बार इसके दर्शन कर लेता है वह दूसरी बार यहां आने की हिम्मत नहीं जुटा पाता।  …

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