पंचांग में कुछ समय ऐसा भी होता है, जिसमें कोई भी मंगल कार्य करना निषिद्ध माना जाता है। काम करने पर अनिष्ट की आशंका रहती है। ऐसे निषिद्ध समय को \’भद्रा\’ कहते हैं। ज्योतिष शास्त्र में तिथि, वार, नक्षत्र, योग तथा करण के स्पष्ट मान आदि को पंचांग कहा जाता है। कोई भी मंगल कार्य करने से पहले पंचांग का …
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जन्मकुंडली-गुणदोष मिलान के साथ विवाह योग भी देखें
विवाह के समय जन्मकुंडली और गुण-दोष मिलान तो सर्वश्रेष्ठ होता ही है। साथ ही अगर कुछ खास योगों पर भी ध्यान दिया जाए तो दाम्पत्य जीवन में खुशी-प्रसन्नता और भी बढ़ जाती है। मृगशिरा, हस्त, मूल, अनुराधा, मघा, रोहिणी, रेवती, तीनों उत्तरा, स्वाती ये नक्षत्र निर्वेध हो तो विवाह शुभ और मंगलकारी है। वर-कन्या दोनों की एक राशि हो और …
Read More »श्रीमद्भागवत गीता का यह उपाय लाएगा आपके जीवन में सुख, शांति
भागदौड़ भरी जिंदगी में मन की शांति के लिए श्रीमद्भागवत के कुछ श्लोकों का पाठ किया जा सकता है। जीवन में भागदौड़ के चलते मानसिक अशान्ति और क्रोध हमें जल्दी घेरने लगा है। इससे बचने का उपाय है श्रीमद्भागवत गीता। इसके चौदहवें अध्याय के इस श्लोक का गुरुवार या रविवार जाप करने से शांति व सुकून मिलता है – गुणानेतानतीत्य …
Read More »कौन सी मन्नत पूरी करने के लिए करनी चाहिए किसकी पूजा
हर मनुष्य की कई कामनाएं होती हैं। अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए कर्मों के साथ-साथ देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना भी की जाती है। मनुष्य अपने हर दुःख में, हर परेशानी में भगवान को याद अवश्य करता है, परन्तु कम ही लोग यह बात जानते हैं कि किस मनोकामना को पूरा करने के लिए किस देवी-देवता की उपासना की जानी …
Read More »कमल का फूल कब और क्यों चढ़ाएं?
सभी देवी-देवताओं को फूल विशेष रूप से चढ़ाए जाते हैं। फूल अर्पित किए बिना कोई भी पूजा पूरी नहीं मानी जाती है। वैसे तो लगभग सभी प्रकार के फूल भगवान को चढ़ाए जाते हैं, लेकिन फूलाें में कमल का विशेष स्थान है। कमल का फूल सभी देवी-देवताओं को बहुत प्रिय है। कमल की सुंदरता की महिमा इसी बात से सिद्ध …
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