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शिव का ही स्वरूप है यह शहर, खास है यहां का ज्योतिर्लिंग

भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ भी हैं। यह शहर की गिनती मोक्ष देने वाली सप्तपुरियों में की जाती है। साथ ही यहां पर देवी सती के इक्यावन शक्तिपीठों में से एक विशालाक्षी देवी भी स्थित है। इन सब कारणों की वजह से वह ज्योतिर्लिंग और यह शहर खुद में ही खास माना जाता है। भगवान …

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पहला ज्योतिर्लिंग है सोमनाथ, चंद्रमा ने की थी इसकी स्थापना

पूरे भारत में भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग हैं। जिनमें से सबसे पहला ज्योतिर्लिंग गुजरात के वेरावल बदंरगाह से कुछ दूरी पर प्रभास पाटन में है। इस मंदिर के निर्माण और यहां के शिवलिंग की स्थापना के पीछे एक रोचक कहानी है। कहा जाता है कि सोमनाथ के शिवलिंग की स्थापना खुद चंद्रमा ने की थी। चंद्रमा के द्वारा स्थापना …

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तीन से सात साल में निर्मल दिखने लगेगी गंगा

नई दिल्ली । केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने कहा है कि तीन से सात साल में गंगा निर्मल दिखने लगेगी। गंगा का इकॉलॉजिकल फ्लो (न्यूनतम जल प्रवाह) तय करके इसे अविरल भी बनाया जाएगा। खास बात यह है कि केंद्र सरकार की 20 हजार करोड़ रुपये की नमामि गंगे योजना के तहत चलने …

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मंदिर में चट्टान को छूने से रिसता है पानी, दिखते हैं भगवान के पद-चिन्ह!

झारखंड में एक ऐसा मंदिर है, जहां कि चट्टान को छूने से रिसता है पानी। साथ ही वहां भगवान राम और उनकी पत्नी देवी सीता के पद-चिन्ह दिखते हैं। ऐसा अद्भुत मंदिर झारखंड की राजधानी रांची से 20 किलोमीटर दूर एडचोरो में पहाड़ी पर है। मंदिर को लादा महादेव टंगरा के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है की …

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भगवान शिव का ही लिंग रूप में क्यों होता है पूजन?

भगवान शिव देवों के भी देव हैं। उनका पूजन देवता ही नहीं दानव भी करते हैं। वे साकार हैं तो निराकार भी हैं। सृष्टि का आदि और अंत उनमें ही समाया है। शिवजी के संबंध में प्रायः यह प्रश्न किया जाता है कि उनकी ही पूजा लिंग रूप में क्यों की जाती है? हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवताओं की …

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