महाभारत के अनुसार, भरतवंश में राजा कुरु ने जिस भूमि को बार-बार जोता, वह स्थान कुरुक्षेत्र कहलाया। राजा कुरु को देवराज इंद्र ने वरदान दिया था कि जो भी व्यक्ति इस स्थान पर युद्ध करते हुए मरेगा, उसे स्वर्ग की प्राप्ति होगी। यही कारण है कि महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में लड़ा गया। कौन थे राजा कुरु? राजा कुरु महाभारत …
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एक ऐसा मंदिर जिसकी स्थापना खुद श्रीराम ने की थी
मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में गणेशजी का एक सिद्ध स्थान है, जिसका नाम है चिंतामन गणेश मंदिर। मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना भगवान श्रीराम ने की थी। यहां आने वाले भक्तों की सभी चिंताएं गणेशजी दूर करते हैं। इसीलिए इन्हें चिंतामन गणेश कहा जाता है। श्रीराम ने वनवास काल में की थी इस मंदिर की स्थापना पुरानी …
Read More »जब आए ऐसे सपने तो समझ लीजिए होने वाला है बड़ा लाभ
बाल्मीकि रामायण के अनुसार कुछ सपने ऐसे होते हैं जो इंसान के जीवन में शुभ संकेत लाते हैं। इन सपनों के नजर आने पर व्यक्ति के साथ शुभ घटता है। हाथीदांत की बनी हुई दिव्य पालकी अगर आपको सपने में हाथी दांत की बनी हुई दिव्य पालकी दिखे तो समझिए कि आपके अच्छे दिन आने वाले हैं। अगर आप खुद …
Read More »याद रखें कृष्ण का यह गुरुमंत्र, नहीं सताएगा मन को कोई डर
मानव मन अनेक कमजोरियों को सहज ही आत्मसात कर लेता है। महान धनुर्धारी अर्जुन ने रणक्षेत्र में अपने आत्मीय जनों को देखकर अपना धनुष धरती पर रख दिया था। ऐसे में कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश देते हुए कहा,तस्मादुत्तिष्ठ कौन्तेय युद्धाय कृतनिश्चय:। इसलिए, अर्जुन तू युद्ध के लिए निश्चय कर खड़ा हो जा। अर्जुन ने तो कृष्ण …
Read More »ये 3 उपदेश देकर भीष्म ने उत्तरायण में क्यों त्यागे थे प्राण?
मकर संक्रांति पुण्य और पवित्रता का दिन है। महाभारत में भी इस दिन का उल्लेख किया गया है क्योंकि पितामह भीष्म ने मकर संक्रांति के दिन प्राण त्यागे थे और उन्होंने मोक्ष प्राप्त किया। इससे पहले वे उत्तरायण की प्रतीक्षा करते रहे और बाणों की शैया पर कष्ट सहन करते रहे। मान्यता है कि दक्षिणायन में प्राण त्याग करने से …
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