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जानिए कितना प्राचीन है जैन धर्म

जैन धर्म का उद्भव सनातन धर्म से ही हुआ है। जैन धर्म भारत के प्रचीन धर्मों में से एक है। जैन का अर्थ होता है ‘जिन द्वारा प्रवर्तित धर्म’। जैन धर्म में 24 तीर्थंकर हुए हैं पहले तीर्थंकर ऋषभदेव इन्हें ‘आदिनाथ’ भी कहा जाता है और आखिरी तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी हैं। जैन धर्म में श्रावक( अनुयायी) और मुनि दोनों …

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शिव ने रची माया और विष्णु को देना पड़ा अपना नेत्र

पौराणिक कथाओं में अनेक प्रकार के वरदान और शाप का उल्लेख किया गया है। इन कथाओं का उद्देश्य यह बताना है कि नेक काम हमेशा सफलता और आशीर्वाद लेकर आते हैं। भलाई और लोककल्याण के कार्य वरदान और आशीर्वाद लाते हैं जिनका फल अमिट है, परंतु बुराई और दूसरों को पीड़ा देने वाले कार्यों का फल भी अमिट है। यह मनुष्य …

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निरोगी काया के लिए औषधि स्नान

औषधि स्नान का महत्व भारतीय चिकित्सकीय ग्रंथों में मिलता है। प्राचीन आयुर्वेदशास्त्री इस बात की महत्ता को भली-भांति जानते थे। यही कारण है कि वह राजवंश से जुड़े सभी लोगों को इस तरह की स्नान की सलाह देते थे। औषधि स्नान ज्योतिष में भी महत्वपूर्ण माना गया है। यदि कोई व्यक्ति बुधकृत पीड़ा से पीड़ित है, और यदि वह औषधि …

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विचारों में सजगता ही है सच्चा ध्यान

हम कभी स्वयं होकर नहीं रहते और अपने जीवन के लक्ष्य से चूक जाते हैं। अत: हमें चाहिए कि अपने कर्मों में सजग हों और जागृत होकर रहें और इसका सरलतम उपाय है ध्यान। इससे जीवन में सफलता मिलती है। हमें सदा याद रखना चाहिए कि ध्यान स्वर्ण-समान अनमोल है। जब हम किसी से प्रश्न करते हैं कि जीवन कैसा …

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विभीषण कर बैठे एक भूल और गणपति ने यहां स्थापित कर दी विष्णु की मूर्ति

भगवान गणपति प्रथम पूज्य हैं। उनके दर्शन, पूजन से शुभ कार्यों के विघ्न दूर होते हैं। दक्षिण भारत में भगवान गणपति का एक मंदिर अपनी कथा के कारण अनोखा और अनूठा माना जाता है। मान्यता है कि यहां भगवान के दर्शन करने से मन की शुभ इच्छाएं पूर्ण होती हैं।   यह मंदिर तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में स्थित है। एक पहाड़ी …

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