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कृष्ण के हाथों पर क्यों हुआ था कर्ण का अंतिम संस्कार?

जयपुर। कर्ण बहुत बड़े योद्धा थे लेकिन वे उतने ही महान दानवीर भी थे। उन्होंने कौरवों की ओर महाभारत के युद्ध में भाग लिया था। उनका जीवन अनेक परिस्थितियों के बीच उलझा हुआ था।    दुर्योधन उन पर बहुत विश्वास करता था। यह भी माना जाता है कि उसने कर्ण की वजह से ही पांडवों से युद्ध करने का दुस्साहस …

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वसंत पंचमी: ऐसे सरस्वती का पूजन, सब काम हो जाएंगे सिद्ध

वसंत पंचमी के दिन विधिपूर्वक कलश की स्थापना कर एवं पीले रंग के वस्त्र धारण कर भगवान गणेश, सूर्यदेव, भगवान विष्णु, शिवजी और सरस्वती देवी की पूजा-अर्चना की जाती है तथा पीले रंग के चावल अथवा पीले रंग के खाद्य पदार्थों का प्रसाद लगाकर वितरित किया जाता है। मां सरस्वती के पूजन की अनेक विधियां हैं। वे भक्त की श्रद्धा …

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शिवपुराण के संकेत बताते हैं कि मौत आने वाली है…

शिवपुराण में दिए मौत के संकेत जानिए 1- शिवपुराण के अनुसार जिस मनुष्य को ग्रहों के दर्शन होने पर भी दिशाओं का ज्ञान न हो, मन में बैचेनी छाई रहे, तो उस मनुष्य की मृत्यु 6 महीने में हो जाती है। 2- जिस व्यक्ति को अचानक नीली मक्खियां आकर घेर लें। उसकी आयु एक महीना ही शेष जाननी चाहिए। 3- …

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बजरंगबली के 5 थे अनुज, पूर्वजन्म में मां थी अप्सरा

भगवान श्रीराम के भक्त हनुमानजी उनके भाई की तरह हैं। इसके पीछे पौराणिक मत है। जिसका प्रमाण है गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित ‘श्रीरामचरितमानस’ में मिलता है। यह प्रमाण एक पौराणिक कथा के रूप में उल्लेखित है। इस बार में हम पहले आपको बता चुके हैं। आलेख पढ़ने के लिए क्लिक करें: प्रभु श्रीराम हैं हनुमानजी के भाई यहां है प्रमाण। …

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धर्मराज युधिष्ठिर ने किया था अपने ही मामाश्री का वध

शल्य, माद्री के भाई थे, नकुल और सहदेव उनके भानजे थे। लेकिन महाभारत के युद्ध में उन्होंने कौरवों का साथ दिया था। इस बात का उल्लेख महाभारत के शल्य पर्व के ह्दय प्रवेश पर्व और गदा पर्व में मिलता है। दरअसल दुर्योधन ने छल से शल्य को अपनी तरफ से युद्ध करने के लिए राजी किया था। महाभारत युद्ध में …

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