रावण बहुत विद्वान था। धार्मिक पुस्तकों में उसे प्रखांड पंडित की उपाधि भी दी गई है। लेकिन कुछ अवगुणों के कारण वह अपने परिवार के साथ ही सोने की लंका को भी गंवा बैठा और आज भी उसे एक दुराचारी और पापी की तरह ही देखा जाता है। रावण का सर्वनाश करने से पहले श्रीराम ने उसे अनेक अवसर दिए …
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सावन में शनैश्चरी अमावस्या, सुबह-सुबह उठकर इस मंत्र का करें जप चमक जाएगी किस्मत
शनिवार को शनि अमावस्या है। शनिदेव न्याय के देवता हैं, इसी वजह से भगवान शिव ने उन्हों नवग्रहों में न्यायधीश का काम सौंपा है इसलिए अपनी दशा महादशा में और गोचर जिसे साढ़ेसाती और ढैय्या कहते हैं इस दौरान व्यक्तियों को उनके कर्मों का फल देते हैं। साथ ही शनि अमावस्या के दिन साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भी लगने …
Read More »इस पूजा से भगवान राम को मिली थी लंका पर विजय
शास्त्रों में शिवलिंग का पूजन सबसे ज्यादा पुण्यदायी और फलदायी बताया गया है। रावण के साथ युद्ध करने से पहले भगवान श्री राम ने भी पार्थिव शिवलिंग का पूजन किया था और उसके बाद लंका पर विजय प्राप्त की थी। जबकि शनिदेव ने अपने पिता सूर्य से अधिक शक्ति प्राप्त करने के लिए काशी में पार्थिव शिवलिंग बनाकर भगवान महादेव की साधना की थी। भय से मुक्ति और मोक्ष का माध्यम सनातन परंपरा …
Read More »सावन शिवरात्रि पर है पूरे दिन का शुभ मुहूर्त…
हिन्दू धर्म में हर त्यौहार का महत्व होता है और ऐसे ही सावन की शिवरात्रि का अलग ही महत्व होता है जिसका फल में मिलता है. तो आपको बता दें सावन शिवरात्रि आज यानी 9 अगस्त को ही है और लेकिन इस पूरे दिन त्रयोदशी रहेगी और आप भगवान शिव का अभिषेक पूरे दिन भी कर सकते हैं यानी पूरे दिन में …
Read More »जब महादेव को करना पडा भगवान श्री कृष्ण से युद्ध…
महाप्रतापी एवं दैत्यराज बलि के 100 पुत्र थे जिसमे उसके सबसे बड़े पुत्र का नाम वाणासुर था, वाणासुर बचपन से ही भगवान शिव का परम भक्त था जब वाणासुर बड़ा हुआ तो वह हिमालय पर्वत की उच्ची चोटियों पर भगवान शिव की तपस्या करने लगा. उसके कठिन तपस्या को देख भगवान शिव उससे प्रसन्न हुए तथा उसे सहस्त्रबाहु के साथ साथ अपार …
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