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रामचरित मानस के कुछ रोचक तथ्य

वाल्मीकि रामायण के बाद अगर कोई और राम कथा सबसे प्रसिद्ध है तो वो है तुलसीदास कृत रामचरितमानस। इसे तुलसीदास जी ने १५७४ ईस्वी में लिखना आरम्भ किया था और २ वर्ष ७ मास और २६ दिन के बाद १५७६ ईस्वी को इसे पूर्ण किया। आइये रामचरितमानस के बारे में कुछ अनसुने तथ्य जानते हैं। मानस में “राम” शब्द कितनी बार …

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वे लोग जिन्होंने शिर्डी के सांईं बाबा को देखा- भाग- 1

श्री सांईं बाबा जब शिर्डी में अपनी लीला कर रहे थे तब उनके साथ कई लोग थे। उनमें से कुछ उनके विरोधी भी थे, तो कुछ समर्थक। आज भी यह सिलसिला जारी है। यूं तो बाबा को साक्षात देखने वालों की लिस्ट में सैकड़ों लोग हैं लेकिन यहां उन लोगों के नाम लिख रहे हैं जिन्होंने बाबा के साथ बहुत …

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हनुमानजी को जब भूतनियों ने भूतराजा के समक्ष थाली में सजाकर किया पेश

यह पौराणिक कथा है। हालांकि इसका उल्लेख रामायण आदि ग्रंथों में विस्तार से नहीं मिलता है। हो सकता है कि यह किवदंतियों के आधार पर जनमानस में प्रचलित हो गई हो। यह भी हो सकता है कि इस कथा में सचाई कम ही हो, लेकिन कथा मजेदार है। आप भी पढ़िये। इस कथा के अनुसार एक दिन राम सिंहासन पर विराजमान थे तभी …

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देवी लक्ष्मी के बताए इन 3 उपायों से मिलता है अपार धन

सुख, ऐश्वर्य और धन की देवी लक्ष्मी को धन शक्ति और पवित्रता के साथ भी जोड़ा गया है। शक्ति का यही रूप महालक्ष्मी के रूप में भी पूजनीय है। मान्यता अनुसार धन कमाने और बढ़ाने के ये 3 उपाय स्वयं देवी लक्ष्मी द्वारा बताए गए हैं। इन उपायों को आधुनिक और सरल भाषा में लिखा गया है। श्लोक :धनमस्तीति वाणिज्यं किंचिस्तीति कर्षणम्। …

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राहु केतु और उनके उपाय से मिलेंगे जीवन के सारे सुख, जानिए कैसे?

वेद के अध्ययन पर विचार करें, तो राहु का अधिदेवता काल और प्रति अधिदेवता सर्प है, जबकि केतु का अधिदेवता चित्रगुप्त एवं प्रति के अधिदेवता ब्रह्माजी है. राहु का दायां भाग काल एवं बायां भाग सर्प है. राहु एवं केतु सर्प ही है और सर्प के मुंह में जहर ही होता है. जब प्रसन्न हो राहु-केतु: इससे यह सिद्ध होता है …

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