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भगवान राम के ये विग्रह उनके आने से पहले ही पृथ्वी पर आ गए थे, आज भी होते हैं दर्शन

इस्कान के संस्थापक आचार्य परमपूज्यपाद नित्यलीलाप्रविष्ट श्री श्रीमद् भक्तिवेदान्त स्वामी महाराज जी ने लिखा है कि आध्यात्म रामायण के 1-15 अध्याय में वर्णन आता है कि भगवान श्रीराम त्रेतायुग में जब इस पृथ्वी पर लीला कर रहे थे तब उनके राज्य में एक भक्त ब्राह्मण रहता था।  उसका नियम था कि वह प्रतिदिन श्रीराम को प्रणाम करने आता था। प्रणाम …

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भगवान राम के बाद इन राजाओं ने संभाली थी रघुवंश की बागडोर

“रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन ना जाई।” यह पंक्ति तो हम बचपन से ही सुनते आ रहे हैं। रघुकुल या रघुवंश, वो वंश है जिससे भगवान राम ताल्लुक रखते थे। भगवान राम अयोध्या के राजा थे। हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में शुमार हैं। उन्हें भगवान विष्णु का सातवां अवतार भी माना जाता है। भगवान राम …

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श्री राम के मुख से जानिए, कैसे लोगों का साथ सदा देते हैं भगवान

जब हनुमान जी श्रीरामचंद्र जी की सुग्रीव से मित्रता कराते हैं, तब सुग्रीव अपना दुख, अपनी असमर्थता, अपने हृदय की हर बात भगवान के सामने निष्कपट भाव से रख देता है। सुग्रीव की निखालिसता से प्रभु गदगद हो जाते हैं। तब सुग्रीव को धीरज बंधाते हुए भगवान श्रीराम प्रतिज्ञा करते हैं :  सुनु सुग्रीव मारिहउं बालिहि एकहिं बान।…  ‘‘सुग्रीव! मैं …

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इस खास मंदिर में आज भी भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाता है

राम राजा मंदिर: भारत के  मध्य प्रदेश के ओरछा स्थान में एक मंदिर है। यह एक पवित्र हिंदू तीर्थ स्थल है  यह राम राजा मंदिर आमतौर पर ओरछा मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। वार्षिक घरेलू पर्यटक संख्या लगभग 650,000 है और विदेशी पर्यटकों की संख्या लगभग 25,000 है। राम राजा मंदिर में त्योहारों के समय भक्तों का जनसंख्या बढ़ …

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Shree Ram Raksha Stotra: भय से मुक्ति दिलाये व हर विपत्ति से बचाये

भगवान श्री रामचंद्र, भगवान विष्णु के 10 अवतार में से सातवें अवतारहै। भगवान राम का जीवनकाल और उनके पराक्रम का वर्णन महर्षि वाल्मीकि के द्वारा रचित संस्कृत महाकाव्य रामायण में लिखा है। उन पर तुलसीदास ने भी भक्ति काव्य श्री रामचरितमानस रचा था। भगवान श्री राम को उत्तर भारत में सबसे ज्यादा पूजा जाता है। भगवान श्री राम एक आदर्श पुरुष हैं। …

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