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ये हैं प्रभु श्रीराम के वंशज, जो आज भी जिंदा हैं

भरत के दो पुत्र थे- तार्क्ष और पुष्कर। लक्ष्मण के पुत्र- चित्रांगद और चन्द्रकेतु और शत्रुघ्न के पुत्र सुबाहु और शूरसेन थे। मथुरा का नाम पहले शूरसेन था। लव और कुश राम तथा सीता के जुड़वां बेटे थे। जब राम ने वानप्रस्थ लेने का निश्चय कर भरत का राज्याभिषेक करना चाहा तो भरत नहीं माने। अत: दक्षिण कोसल प्रदेश (छत्तीसगढ़) में कुश …

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भगवान श्रीराम की कथा और इतिहास

प्रभु श्री राम प्राचीन भारत में अवतरित हुए भगवान हैं। हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से भगवान श्रीराम सातवें नंबर पर थे। रामायण ग्रंथ में प्रभु श्रीराम के विषय में हम सब को संपूर्ण जानकारी मिलती है,भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता था हिंदू धर्म में भगवान श्रीराम को बहुत ही अधिक पूजनीय माना जाता …

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राशि के अनुसार करें विश्वकर्मा पूजा, तो बिजनेस में मिलती ही जाएंगी आपको कामयाबी

जिसकी सम्पूर्ण सृष्टि और कर्म व्यापार है वह विश्वकर्मा है। सहज भाषा मे यह कहा जा सकता है कि सम्पूर्ण सृष्टि में जो भी कर्म सृजनात्मक है, जिन कर्मो से जीव का जीवन संचालित होता है, उन सभी के मूल में विश्वकर्मा है। ऐसे में भगवान विश्वकर्मा का पूजन जहां प्रत्येक व्यक्ति को प्राकृतिक उर्जा देता है, वहीं कामकाज में …

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जानिए कब खाए राम ने शबरी के जूठे बेर

सावन का आखरी सोमवार होने के कारण मंदिर में सुन्दर काण्ड का कार्यकर्म रखा गया , कार्यकर्म के समापन होने से पहले पंडित जी प्रवचन सुनाने । प्रवचन के दौरान उन्होंने बड़े जोर देके कहा की ‘ श्री राम’ ने शबरी के जूठे बेर खाए और शुद्र से भेद नहीं रखा। यह सुन के मैं सोच में पड़ गया की …

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इस जगह रख दिया था हनुमान ने संजीवनी बूटी का पहाड़, आज भी है मौजूद

जीवन के हर पड़ाव पर साथ देने वाले श्रीराम के भाई लक्ष्मण युद्धभूमि पर मूर्च्छित पड़े थे. युद्ध भूमि पर प्रभु श्रीराम के खेमे में शोक और शांति छाई हुई थी. प्रभु श्रीराम अपने भाई की मरणासन्न दशा देखकर लगातार आंसू बहाए जा रहे थे. तभी विभीषण ने सूरसेन नामक वैध को बुलाने का परामर्श दिया. सूरसेन को बुलाने पर …

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