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जब भगवान राम को आया था गुस्सा, फोड़ दी थी इंद्र पुत्र की आंख

विष्णु के सातवें अवतार श्री राम को शांतचित्त, गंभीर, सहिष्णु और धैर्यवान माना जाता है। दिव्य शक्तियों के होते हुए भी उन्होंने मानव शरीर में जन्म लिया था और इसलिए मानवीय सीमाएं उन पर भी लागू होती थीं। मर्यादा पुरुषोत्तम होते हुए भी सब कुछ कर सकने में सक्षम होते हुए भी भगवान राम को कई मौकों पर अपने क्रोध को …

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जानिए, प्रभु श्रीराम के जन्म की पौराणिक कथा के बारे में…

रामायण और रामचरित मानस हमारे पवित्र ग्रंथ हैं। तुलसीदास जी ने श्री राम को ईश्वर मान कर रामचरितमानस की रचना की है किन्तु आदिकवि वाल्मीकि ने अपने रामायण में श्री राम को मनुष्य ही माना है। तुलसीदास जी ने रामचरितमानस को राम के राज्यभिषेक के बाद समाप्त कर दिया है वहीं आदिकवि श्री वाल्मीकि ने अपने रामायण में कथा को आगे श्री राम के महाप्रयाण तक वर्णित …

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आइए जानें, 14 वर्ष के वनवास में भगवान राम कहां-कहां रहे

श्रीराम को 14 वर्ष का वनवान हुआ। इस वनवास काल में श्रीराम ने कई ऋषि-मुनियों से शिक्षा और विद्या ग्रहण की, तपस्या की और भारत के आदिवासी, वनवासी और तमाम तरह के भारतीय समाज को संगठित कर उन्हें धर्म के मार्ग पर चलाया। संपूर्ण भारत को उन्होंने एक ही विचारधारा के सूत्र में बांधा, लेकिन इस दौरान उनके साथ कुछ …

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जब श्रीराम-भरत मिलाप देख भर आईं लोगों की आंखें

दशहरा पर मेला, रावण वध व पुतला दहन के साथ राम की विभिन्न लीलाओं का मंचन हुआ। बुधवार व गुरुवार को राजगद्दी का मंचन तो हैदरगंज, जप्ती, कोठापार्चा और साहबगंज में श्रीराम जानकी मंदिर की ओर से हो रही रामलीला में शुक्रवार को श्रीराम का राज्याभिषेक होगा। शनिवार को गुप्तारघाट में प्रभु राम के सरयू नदी में गुप्त होने का …

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जानिए, प्रभु श्री राम द्वारा किये गए अश्वमेघ यज्ञ का घोड़ा कौन था..?

प्रभु श्री राम से जुडी कई कथाएं हैं इन्ही में से एक कथा है उनके द्वारा किये गए अश्वमेघ यज्ञ के बारे में भी है| दरअसल अश्वमेघ यज्ञ में होता यह था की जो भी राजा चक्रवर्ती सम्राट बनना चाहता था वह अपनी अर्धांगिनी के साथ मिल कर यज्ञ करता था| यज्ञ के बाद एक अश्व जिसके गले में एक …

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