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…तो इस तरह बदसूरत प्राणी बना भगवान राम के स्पर्श से खुबसूरत

बहुत पहले की बात है? तब गिलहरी काली और बदसूरत हुआ करती थी। लोग भी उसे पसंद नहीं करते थे। वह घरों में पहुंच जाती तो लोग उसे भगाने लगते। निराश गिलहरी गांव में एक साधु बाबा के पास रहने लगी। जो बाबा खाते, वह गिलहरी खाती। उनके यज्ञ की साक्षी बनती और पुण्य का लाभ उठाती। धीरे-धीरे गिलहरी बीज, …

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जाने, श्री जगन्नाथ जी के अनोखे स्वरूप के बारे में…

उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर से 8 किलोमीटर की दूरी पर बंगाल की खाड़ी के निकट स्थित यह स्थान दंतपुर के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि इस स्थान पर भगवान श्री गौतम बुद्घ का दांत गिरा था, इसी कारण इस स्थान का नाम दंतपुर पड़ा। सदियों से ही इस स्थान के अनेक नाम हैं, जिनमें से नीलगिरि, …

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क्या सच में इससे सीखा श्रीराम ने न्याय करना…

जब श्रीराम पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण और अपने प्रिय हनुमान जी के साथ चौदह वर्ष के वनवास से लौटे तो अयोध्या वासियों ने उनका ख़ूब स्वागत किया। बाद में बड़ी धूम-धाम से उनका राजतिलक किया गया। बड़े मान-सम्मान के साथ उन्हें अयोध्या का राजा बनाया गया। राज गद्दी पर विराजित होने के बाद उन्होंने भाई लक्ष्मण जी को आदेश दिया …

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मां संतोषी देती हैं समृद्धि का वरदान

शुक्रवार देवी शक्ति का वार, जी हां, देवी शक्ति। माना जाता है कि शुक्रवार के दिन देवियों की पूजा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। यही नहीं कहा जाता है कि देवियों का पूजन करने से अद्भुत शक्ति मिलती है।  कहा जाता है कि शुक्रवार को देवी शक्ति श्रद्धालुओं की मनोकामना को पूरा करती हैं। इस दिन संतोषी …

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…तो क्या इस वजह से माता कैकेई ने मांगा राम का वनवास

हमारे मुख्य ग्रंथ रामायण की रचना की नींव डालने में एक पात्र की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका थी। यह पात्र और कोई नहीं बल्कि राजा दशरथ की तीन रानियों में से एक कैकेई थी। हमने हमेशा से यही जाना है कि कैकेई के कारण भगवान राम को 14 वर्ष के बनवास के लिए जाना पड़ा और इसीलिए कैकेई की छवि एक …

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