पहले कृष्ण : महाभारत में पहले कृष्ण महर्षि वेदव्यास थे, जिन्होंने महाभारत की रचना की थी। इनकी माता का नाम सत्यवती और पिता का नाम महर्षि पाराशर था। इनका असली नाम श्रीकृष्ण द्वैपायन था। इस संबंध में दो कथाएं मिलती हैं। पहली यह कि इनका रंग सावंला था और इनका जन्म एक द्वीप पर हुआ था। इसीलिए इन्हें श्रीकृष्ण द्वैपायन कहा जाता है। दूसरी यह …
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हनुमान जी लंका तैरकर गए थे या कि उड़कर, जानिए सच
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन्ह जानकी माता।” ”चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा॥” हनुमानजी के लंका जाने के बारे में लोगों की भिन्न-भिन्न मान्यताएं हैं। कुछ मानते हैं कि वे तैरकर गए थे, कुछ के अनुसार वे उड़कर गए थे और कुछ के अनुसार वे छल्लांग लगाते हुए या एक टापू से दूसरे टापू …
Read More »कृष्ण शंकर युद्ध
दानवीर दैत्यराज बलि के सौ प्रतापी पुत्र थे, उनमें सबसे बड़ा वाणासुर था। वाणासुर ने भगवान शंकर की बड़ी कठिन तपस्या की। शंकर जी ने उसके तप से प्रसन्न होकर उसे सहस्त्र बाहु तथा अपार बल दे दिया। उसके सहस्त्र बाहु और अपार बल के भय से कोई भी उससे युद्ध नहीं करता था। इसी कारण से वाणासुर अति अहंकारी …
Read More »हनुमान से भेंट एवं राम-सुग्रीव मित्रता
पम्पा सरोवर पर पहुँचने के पश्चात् वहाँ के रमणीय दृश्यों को देख कर राम को फिर सीता का स्मरण हो आया और वे उसके वियोग में विलाप करते हुये लक्ष्मण से कहने लगे, “हे सौमित्र! पम्पा का जल मूँगे जैसा निर्मल है। इसके बीच बीच में खिले हुये कमल पुष्प और क्रीड़ा करते हुये जल पक्षी कितने मनोहारी प्रतीत होते …
Read More »कलियुग का आगमन और परीक्षित का अंत
पांडव अपने पौत्र महापराक्रमी परीक्षित को राज्य देकर महाप्रयाण हेतु उत्तराखंड की ओर चले गये और वहाँ जाकर पुण्यलोक को प्राप्त हुये। राजा परीक्षित धर्म के अनुसार तथा ब्राह्नणों की आज्ञानुसार शासन करने लगे। उत्तर नरेश की पुत्री इरावती के साथ उन्होंने अपना विवाह किया और उस उत्तम पत्नी से उनके चार पुत्र उत्पन्न हुये। आचार्य कृप को गुरु बना कर …
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