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भगवान दत्तात्रेय के तीन मुख का रहस्य एवं परिचय

प्रतिवर्ष मार्गशीर्ष माह में भगवान दत्तात्रेय की जयंती मनाई जाती है। दत्तात्रेय में ईश्वर और गुरु दोनों रूप समाहित हैं इसीलिए उन्हें ‘परब्रह्ममूर्ति सद्गुरु’ और ‘श्रीगुरुदेवदत्त’ भी कहा जाता हैं। उन्हें गुरु वंश का प्रथम गुरु, साथक, योगी और वैज्ञानिक माना जाता है। हिंदू मान्यताओं अनुसार दत्तात्रेय ने पारद से व्योमयान उड्डयन की शक्ति का पता लगाया था और चिकित्सा …

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क्या सीता की तरह माता लक्ष्मी का भी हरण हो गया था? जानिए पौराणिक कथा

देवासुर संग्राम में देवताओं के पराजित होने के बाद सभी देवगुरु बृहस्पति के पास पहुंचे। इंद्र ने देवगुरु से कहा कि असुरों के कारण हम आत्महत्या करने पर मजबूर है। देवगुरु सभी देवताओं को दत्तात्रेय के पास ले गए। उन्होंने सभी देवताओं को समझाया और फिर से युद्ध करने की तैयारी करने को कहा। सभी ने फिर से युद्ध किया और हार गए। वे …

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जो श्रीकृष्ण से जुड़ा है, वह कभी भ्रमित नहीं होता

Web_Wing सुदामा ने एक बार श्रीकृष्ण ने पूछा कान्हा, मैं आपकी माया के दर्शन करना चाहता हूं… कैसी होती है?” श्री कृष्ण ने टालना चाहा, लेकिन सुदामा की जिद पर श्री कृष्ण ने कहा, “अच्छा, कभी वक्त आएगा तो बताऊंगा। एक दिन कृष्ण कहने लगे… सुदामा, आओ, गोमती में स्नान करने चलें।दोनों गोमती के तट पर गए, वस्त्र उतारे| दोनों …

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जीवन जीने की उत्तम शिक्षा देती है रामायण

Web_Wing भरत जी तो नंदिग्राम में रहते हैं, शत्रुघ्न  लाल जी महाराज उनके आदेश से राज्य संचालन करते थे। धीरे-धीरे भगवान राम को वनवास हुए तेरह वर्ष बीत चुक थे। एक रात की बात है, माता कौशल्या जी को रात में अपने महल की छत पर किसी के चलने की आहट सुनाई दी। उनकी नींद खुल गई, दासियों को देखने …

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लालच नहीं, ईश्वर का प्रेम पाने के लिए करें भक्ति

Web_Wing एक संत थे, उनकी भक्ति इस कदर थीं कि वो अपनी धुन में इतने मस्त हो जाते थे की उनको कुछ होश नहीं रहता था। उनकी चाल इतनी अलग हो जाती थी कि वे जहां भी जाते, उन्हें देखने वालों की भीड़ एकत्रित हो जाती। वे संत रोज सुबह चार बजे उठकर ईश्वर का नाम लेते हुए घूमने निकल …

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