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माँ दुर्गा का स्वरूप है मां शाकंभरी, जानिए कैसे हुई थी उत्पत्ति

कहते हैं अगर किसी को अपनी सभी मनोकामना की पूर्ति करवानी है तो उन्हें मां शाकंभरी की कथा पढ़नी चाहिए और उनकी पूजा करनी चाहिए. आपको बता दें कि शाकंभरी देवी दुर्गा के अवतारों में एक हैं और दुर्गा के सभी अवतारों में से मां रक्तदंतिका, भीमा, भ्रामरी, शताक्षी तथा शाकंभरी प्रसिद्ध हैं. ऐसे में अगर आप इनकी कथा का …

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इन बड़ी बाधाओं से रक्षा करते हैं बजरंगबली

चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा॥संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥ अंतकाल रघुवरपुर जाई, जहां जन्म हरिभक्त कहाई॥और देवता चित्त ना धरई, हनुमत सेई सर्व सुख करई॥सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना…अर्थ- जो भी आपकी शरण में आते हैं, उस सभी को आनन्द प्राप्त होता है, और जब आप रक्षक है, …

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प्रभु श्रीराम के धनुष कोदंड की खासियत जानकर चौंक जाएंगे आप

एक बार समुद्र पार करने का जब कोई मार्ग नहीं समझ में आया तो भगवान श्रीराम ने समुद्र को अपने तीर से सुखाने की सोची और उन्होंने तरकश से अपना तीर निकाला ही था और प्रत्यंचा पर चढ़ाया ही था कि समुद्र के देवता वरुणदेव प्रकट हो गए और उनसे प्रार्थना करने लगे थे। बहुत अनुनय-विनय के बाद राम ने अपना तीर तरकश में रख लिया। भगवान श्रीराम को …

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हनुमानजी के गुरु कौन थे?

मतंग ऋषि के शिष्य थे हनुमानजी। हनुमानजी ने कई लोगों से शिक्षा ली थी। सूर्य, नारद के अलावा एक मान्यता अनुसार हनुमानजी के गुरु मातंग ऋषि भी थे। मतंग ऋषि शबरी के गुरु भी थे। कहते हैं कि मतंग ऋषि के आश्रम में ही हनुमानजी का जन्म हआ था। मतंग ऋषि के यहां माता दुर्गा के आशीर्वाद से जिस कन्या …

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कैसे जन्मे भैरव, क्या जिम्मेदारी सौंपी भगवान शिव ने उन्हें…

पुराणों में वर्णित कथाओं के अनुसार एक बार भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा के बीच विवाद छिड़ गया कि उनमें से श्रेष्ठ कौन है? यह विवाद इतना अधिक बढ़ गया कि सभी देवता घबरा गए। उन्हें डर था कि दोनों देवताओं के बीच युद्ध ना छिड़ जाए और प्रलय ना आ जाए… सभी देवता घबराकर भगवन शिव के पास चले गए …

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