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प्रभु श्रीराम के धनुष कोदंड की खासियत जानकर चौंक जाएंगे आप

एक बार समुद्र पार करने का जब कोई मार्ग नहीं समझ में आया तो भगवान श्रीराम ने समुद्र को अपने तीर से सुखाने की सोची और उन्होंने तरकश से अपना तीर निकाला ही था और प्रत्यंचा पर चढ़ाया ही था कि समुद्र के देवता वरुणदेव प्रकट हो गए और उनसे प्रार्थना करने लगे थे। बहुत अनुनय-विनय के बाद राम ने अपना तीर तरकश में रख लिया।भगवान श्रीराम को …

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हनुमानजी ने जब उखाड़ना चाहा रामेश्वरम के ज्योतिर्लिंग को तब टूट गया अभिमान

तमिल भाषा में लिखी महर्षि कम्बन की रामायण ‘इरामावतारम्’ में एक कथा का उल्लेख मिलता है। यह कथा हमें वाल्मिकी रामायण और तुलसीदासकृत रामचरित मानस में नहीं मिलती है। वाल्मिकी रामायण के इतर भी रामायण काल की कई घटनाओं का जिक्र हमें इरामावतारम्, अद्भुत रामायण और आनंद रामायण में मिलता है। ऐसी ही एक कथा है रामेश्वरम में शिवलिंग स्थापना की जिसका जिक्र स्कन्दपुराण …

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ब्रह्मा के पुत्र शिव, जानिए रोचक पौराणिक कथा

शिव के ब्रह्मा पुत्र के रूप में जन्म लेने के पीछे भी विष्णु पुराण की एक पौराणिक कथा है। इसके अनुसार जब धरती, आकाश, पाताल समेत पूरा ब्रह्मांड जलमग्न था तब ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) के सिवा कोई भी देव या प्राणी नहीं था। तब केवल विष्णु ही जल सतह पर अपने शेषनाग पर लेटे नजर आ रहे थे तब उनकी नाभि …

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भगवान शिव की बारात में आए थे हर तरह के प्राणी, पढ़ें पार्वती और शिव के विवाह की कथा

भगवान शिव और पार्वती की शादी बड़े ही भव्य तरीके से आयोजित हुई। पार्वती की तरफ से कई सारे उच्च कुलों के राजा-महाराजा और शाही रिश्तेदार इस शादी में शामिल हुए, लेकिन शिव की ओर से कोई रिश्तेदार नहीं था, क्योंकि वे किसी भी परिवार से ताल्लुक नहीं रखते। आइये जानते हैं आगे क्या हुआ… जब शिव और पार्वती का …

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जानें क्यों रखा जाता है कालाष्टमी व्रत और इसका महत्व

कालाष्टमी को काल भैरव भगवान की पूजा की जाती है। काल भैरव को भगवान शिव का रूप माना जाता है, कालाष्टमी इस बार आज यानी 27 जनवरी को है। इस दिन कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है। भैरव जी की पूजा व भक्ति से भूत, पिशाच और काल भी दूर रहते हैं। कालाष्टमी के दिन कुछ काम हैं …

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