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भगवान कृष्णा के पहले हनुमान उठा चुके हैं गोवर्धन पर्वत

आप सभी ने गोवर्धन पर्वत के बारे में सुना ही होगा. इस पर्वत को गिरिराज महाराज के नाम से जाना जाता है और इन्हें साक्षात श्री कृष्ण का स्वरूप माना जाता है. आप सभी को बता दें कि इसका कारण यह है कि भगवान श्री कृष्ण ने कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि को गोर्वधन रूप में अपनी पूजा किए जाने की …

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सीता माता की तरह ही हुआ था लक्ष्मी माँ का भी हरण!

पुरानी कहानियों और कथाओं के अनुसार कई ऐसी बातें बताई गई है जिन्हे सुनने के बाद हैरानी होती है. ऐसे में आप सभी ने शायद ही सुना होगा कि सीता की तरह माता लक्ष्मी का भी हरण हो गया था. जी हाँ, यह बात कई लोगों ने कहीं ना कहीं पौराणिक कथाओं में सुनी होगी और कई लोगों ने नहीं …

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ऐसे करें शिव चालीसा का पाठ, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

पूजा पाठ में शिव चालीसा का बहुत महत्व है. शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है. शिव चालीसा के पाठ से कठिन से कठिन कार्य को बहुत ही आसानी से किया जा सकता है. शिव चालीसा की 40 पंक्तियां सरल शब्दों में विद्यमान हैं, जिनकी महिमा बहुत ही ज्यादा है. भोले स्वभाव के …

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कृष्ण का वो पुत्र जिसके कारण सम्पूर्ण यदुवंश का नाश हो गया

साम्ब कृष्ण और उनकी दूसरी पत्नी जांबवंती के ज्येष्ठ पुत्र थे जिसका विवाह दुर्योधन की पुत्री लक्ष्मणा से हुआ था। जब महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ तो गांधारी ने कृष्ण को इसका दोषी मानते हुए यदुकुल के नाश का श्राप दे दिया जिसे कृष्ण ने सहर्ष स्वीकार किया। उन्होंने ये भी कहा कि समय आने पर वे और बलराम स्वयं …

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भगवान श्रीराम ने वनवास के दौरान किए थे ये 5 अद्भुत कार्य

भगवान राम को ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ कहा गया है अर्थात पुरुषों में सबसे श्रेष्ठ उत्तम पुरुष। मंथरा के द्वारा कैकयी के कान भरने के बाद कौशल्या पुत्र भगवान श्रीराम को उनके पिता दशरथ ने 14 वर्ष का वनवास सुनाया। वनवास में उनके साथ उनके भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता भी गई थीं। नए शोधानुसार रामायण काल को लगभग 7323 ईसा पूर्व का बताया गया है, जबकि …

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