शिवलिंग की आराधना सभी लोग करते हैं और शिवलिंग का पूजन सभी बहुत विधि विधान से करते हैं. आप सभी को बता दें कि भगवान शिव की उपासना में ‘ओऽम नम: शिवाय’ मंत्र पंचाक्षर बीज मंत्र माना गया है और यही कारण है कि देश तथा विदेश में शंकर की पूजा युक्तिपूर्वक की जाती है. कहा जाता है ‘ओम नम: शिवाय’ बीजमंत्र का जप शीघ्र फलदायी होता है और शिवलिंग को ‘ज्योतिर्लिंग’ भी कहते हैं.
आपको बता दें कि हमारे देश में 12 ज्योतिर्लिंग हैं जो भगवान शिव के विशेष रूप में माने गए हैं और इन 12 ज्योतिर्लिंगों में सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारनाथ, भीमाशंकर, विश्वनाथ, अम्बकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर तथा धुष्मेश्वर शामिल होते हैं. वहीं भारतवर्ष के उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम भागों में स्थित हैं. ऐसे में विवाह में आ रही बाधा के लिए सोमवार के दिन युवक-युवती को शिवालय में स्नान कर, पीले वस्त्र धारण कर ध्यान करना चाहिए और इस श्लोक का कम से कम दो माह तक पाठ करना चाहिए. जी हाँ, सोमवार को अखंड घी का दीपक जलाना खासा लाभ देता है और दीप जलाते हुए इन मंत्रो का जप करना चाहिए.
मंत्र –
वामदेवाय नमो ज्येष्ठाय नम: श्रेष्ठाय
नमो रुद्राय नम: नमो कालाय नम:
कलविकरणाय नम: बल विकरणाय नमो
शिव पूजा की आवश्यक बातें- ध्यान रखे कि शिव पूजा में दूर्वा, तुलसी-दल चढ़ाया जाता है और तुलसी की मंजरियों से पूजा अधिक श्रेष्ठ मानी गई है. वहीं शंकर जी को बिल्व पत्र विशेष प्रिय है लेकिन कटा-फटा बिल्व पत्र पूजा योग्य नहीं होता. वहीं आक के फूल, धतूरे का फल भी शिवपूजा की विशेष सामग्री है किंतु सर्वश्रेष्ठ पुष्प है नीलकमल. कहते हैं बिल्व पत्र चढ़ाते समय बिल्व पत्र का चिकना भाग मूर्ति की ओर रहे, इस प्रकार चढ़ाया जाना चाहिए. अगर आप सोमवार को यह सब करते हैं तो आपकी विवाह में बाधा नहीं आती है.