हर साल तुलसीदास जयंती मनाई जाती है. वहीं इस साल तुलसीदास जयंती 7 अगस्त को है. आपको बता दें कि तुलसीदास एक समाज सुधारक, रामभक्त कवि हैं और वह मध्यकालीन सगुण काव्य की रामभक्ति काव्य के संत तथा प्रमुख कवि हैं. इसी के साथ उनका जन्म विक्रमी संवत 1589 में उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले के राजापुर नामक स्थान में हुआ था. उनकी माता का नाम हुलसी था और इनके पिता का नाम आत्माराम दुबे था. वहीं उन्होंने अपने गुरु नरहरिदास से शिक्षा प्राप्त की थी और नरहरीदास जी ने तुलसीदास को शिक्षा देने के साथ ही इन्हें एक नया नाम रामबोला दिया था. कहा जाता है उनके माता – पिता की मृत्यु इनके जन्म के कुछ वर्षों के पश्चात् हो गई थी और माता – पिता के गुजरने के बाद इन्होने अपना जीवन अयोध्या, चित्रकूट तथा काशी जैसे पवित्र स्थानों पर व्यतीत किया था.
वहीं तुलसीदास आचार्य रामानंद के शिष्य थे और तुलसीदास जी के माता व पिता की मृत्यु हो जाने के बाद तुलसीदास इधर – उधर भटकते थे. कहा जाता है भटकते – भटकते ही इनकी भेंट रामानंद जी हुई थी और उन्होंने उन्हें सगुण काव्यधारा का ज्ञान दिया और तुलसीदास ने रामानंद जी का शिष्य बनने के बाद ही वाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण को लोक भाषा अवधि में रचा तथा इसे रामचरितमानस नाम दिया. वहीं उसके बाद तुलसीदास की ख्याति ही रामचरितमानस ग्रंथ के द्वारा हुई थी. आपको बता दें कि तुलसीदास जी रामचरितमानस के रचयिता होने के साथ – साथ एक साहित्यकार भी थे.
वहीं वह भक्तिकालीन सगुण काव्यधार के प्रसिद्ध कवि थे और तुलसीदास ईश्वर के प्रतिरूप की उपसना, ईश्वर के नाम की माला का जप करने तथा ईश्वर के अवतारवाद की पूजा करने के समर्थक थे. इसी के साथ सगुण काव्यधारा के रामभक्त शाखा के कवि थे तथा राम को अपने जीवन का आदर्श मानते थे और उन्होंने कई ग्रंथों की रचना भी की थी. इन सभी में रामचरितमानस, कवितावली, विनयपत्रिका, जानकीमंगल, हनुमान चालीसा, बरवै रामायण शामिल हैं.