हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि हर साल रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है. वहीं हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन यह त्यौहार बहुत ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है और यह त्यौहार इस बार 15 अगस्त को मनाया जाने वाला है. ऐसे में आज हम आपको इससे जुडी वह दो कहानिया बताने जा रहे हैं जो आप शायद ही जानते होंगे. आइए बताते हैं.
राजा बलि और मां लक्ष्मी की कहानी – जी दरअसल भगवत पुराण और विष्णु पुराण में ऐसा बताया गया है कि बलि नाम के राजा ने भगवान विष्णु से उनके महल में रहने का आग्रह किया. भगवान विष्णु इस आग्रह को मान गए और राजा बलि के साथ रहने लगे. मां लक्ष्मी ने भगवान विष्णु के साथ वैकुण्ठ जाने का निश्चय किया, उन्होंने राजा बलि को रक्षा धागा बांधकर भाई बना लिया. राजा ने लक्ष्मी जी से कहा कि आप मनचाहा उपहार मांगें. इस पर मां लक्ष्मी ने राजा बलि से कहा कि वह भगवान विष्णु को अपने वचन से मुक्त कर दें और भगवान विष्णु को माता के साथ जानें दें. इस पर बलि ने कहा कि मैंने आपको अपनी बहन के रूप में स्वीकार किया है. इसलिए आपने जो भी इच्छा व्यक्त की है, उसे मैं जरूर पूरी करूंगा. राजा बलि ने भगवान विष्णु को अपनी वचन बंधन से मुक्त कर दिया और उन्हें मां लक्ष्मी के साथ जाने दिया.
द्रौपदी ने कृष्ण को बांधी थी राखी – कहते हैं महाभारत की लड़ाई से पहले श्री कृष्ण ने राजा शिशुपाल के खिलाफ सुदर्शन चक्र उठाया था, उसी दौरान उनके हाथ में चोट लग गई और खून बहने लगा तभी द्रोपदी ने अपनी साड़ी में से टुकड़ा फाड़कर श्री कृष्ण के हाथ पर बांध दिया. बदले में श्री कृष्ण ने द्रोपदी को भविष्य में आने वाली हर मुसीबत में रक्षा करने की कसम दी थी.