सावन का महीना काफी समय से शुरू हो चुका है और इस महीने में पूजा का अपना एक अलग महत्व होता है. इस महीने में भोले का पूजन बहुत धूम धाम के साथ करते हैं और साथ ही पूजन में भोले को खुश करने के लिए जतन भी किया जाता है. इस बार सावन का यह पावन महीना 15 अगस्त तक चलेगा. इसी के साथ हर शिव भक्त इस पूरे मास में भगवान की पूजा-अर्चना करता है, ताकि उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सके. कहते हैं जो व्यक्ति पूरे सावन के महीने में शिवालय जाकर दीप दान करता है, उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. इसी के साथ शिव पुराण में भी बताया गया है कि रात के समय शिवलिंग के पास दीपक जलाना चाहिए. आज हम आपको इसके पीछे की कथा बताने जा रहे हैं जिसे सुनने के बाद आप भी इस बात का पालन करना शुरू कर देंगे.
शिवपुराण में बताई गई कथा – प्राचीन काल में गुणनिधि नाम का एक व्यक्ति बहुत गरीब था. वह अपने और अपने परिवार के लिए भोजन की खोज कर रहा था. खाने की खोज में उसे रात हो गई और वह वहीं पर एक शिव मंदिर में रूक गया. गुणनिधि ने सोचा कि इसी जगह रात्रि विश्राम कर लेना चाहिए. रात के समय वहां अत्यधिक अंधेरा हो गया. इस अंधकार को दूर करने के लिए उसने मंदिर में अपनी कमीज जला दी. रात के समय भगवान शिवलिंग को प्रकाश करने के फलस्वरूप से उस व्यक्ति को अगले जन्म में देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर देव का पद प्राप्त हुआ.
जी हाँ, इसी कथा के अनुसार रात या शाम के समय शिव मंदिर में रोशनी करने के लिए दीपक जलाना चाहिए और दीपक जलाते समय “ऊँ नम: शिवाय” मंत्र का जाप करते रहना चाहिए. इसी के साथ इस मंत्र का 108 बार जाप रूद्राक्ष की माला पर भी कर सकते हैं तो भी आपको लाभ होगा.