कहते हैं कि घर में लाफिंग बुद्धा की मूर्ति रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है तथा सुख-समृद्धि आती है. ऐसे में हर किसी के मन मे यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर कौन थे लाफिंग बुद्धा और ऐसा क्या है जो उन्हें घर मे इतनी मुख्य जगह दी जाती है. तो चलिए आज जानते हैं कि कौन थे लाफिंग बुद्धा. कहते हैं भारत के हिंदू धर्म में कुबेर को धन का देवता माना गया है, ठीक उसी प्रकार से चीन में लाफिंग बुद्धा को लेकर यह मान्यता है. जैसे भारत मे वास्तु शास्त्र है ठीक वैसे ही चीन मे फेंगशुई है. आप सभी को बता दें कि लाफिंग बुद्धा के संबंध में दो कहानियां बहुत ज्यादा प्रचलित हैं जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं.
पहली कहानी यह है कि ”महात्मा बुद्ध के कई शिष्यों में से जापान के एक होतेई भी थे. होतेई जब बौद्ध भिक्षु बने तो आत्मज्ञान होने पर उन्होंने अपने जीवन का यह उद्देश्य बना लिया कि वह सिर्फ लोगों को हंसाएंगे और उन्हें सदैव सुखी रखेंगे. वहा जहां भी जाते लोगों को खूब हंसाते और उनके साथ काफी खुश रहते और धीरे-धीरे होतेई को लोग लॉफिंग बुद्धा कहने लगे.”
वहीं दूसरी कहानी मान्यता यह है कि ”चीन में पुताई नाम के एक भिक्षुक थे, जिन्हें मौज मस्ती करना तथा घूमना-फिरना बहुत पसंद था. वह जहां भी जाते थे, वहां अपना विशाल बदन और बड़ा सा पेट दिखाकर लोगों को खूब हंसाते थे. गुजरते वक्त के साथ चीन के लोग उन्हें देवता की तरह पूजने लगे और उनकी मूर्तियां अपने घरों में रखने लगे.”