3 जुलाई से गुप्त नवरात्रि शुरू हो गए हैं। गुप्त नवरात्रि के नौ दिन मां के नौ रुपों की पूजा की जाती है। इन नौ दिनों मां की पूजा अर्चना की जाती है। गुप्त नवरात्रि सिद्धि प्राप्ति के लिए विशेष माने जाते हैं। तांत्रिक भी इस समय अपनी तांत्रिक शक्तियों को बढ़ाने के लिए देवी दुर्गा के शक्ति रूप की पूजा करते हैं। जो लोग जीवन में धन, मान, सुख, संपत्ति, वैभव और सांसारिक सुखों को पाना चाहते हैं, उन्हें देवी के सिद्ध दिनों में साधना जरूर करना चाहिए।
माना जाता है कि गुप्त नवरात्री का व्रत सभी इच्छाओं की पूर्ति करता है। माना जाता है कि जो व्यक्ति गुप्त नवरात्री में मां का विधि विधान से पूजन करता है। उसे जीवन के सभी सुखों की प्राप्ति होती है। गुप्त नवरात्रियों में देवी शीघ्र प्रसन्न होती हैं, लेकिन इसमें सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण बात यह है कि साधकों को पूर्ण संयम और शुद्धता से देवी आराधना करना होती हैं। अगर आप किसी भी तरह की तंत्र विद्या में न जाकर सामान्य पूजा से मनवांछित फल पाना चाहते हैं-
एकत्र करें ये 17 पूजा सामग्री-
– मां दुर्गा की प्रतिमा अथवा चित्र
– आम की पत्तियां
– पान के पत्ते
– चावल
– लौंग
– इलायची
– लाल चुनरी
– लाल कलावा
– दुर्गा सप्तशती की किताब
– नारियल
– गंगा जल
– चंदन
– जौ के बीच
– कपूर
– मिट्टी का बर्तन
– गुलाल
– सुपारी
इस विधि से करे माँ दुर्गा की पूजा-
– सुबह जल्दी उठ कर स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें।
– पूजा की थाल सजाएं।
– मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज बोएं और नवमी तक प्रति दिन पानी का छिड़काव करें।
– विधि अनुसार कलश को गंगा जल से भरें, उसके मुख पर आम की पत्तियां लगाएं और उस पर नारियल रखें। कलश को लाल कपड़े से लपेटें और कलावा के माध्यम से उसे बांधें। अब इसे मिट्टी के बर्तन के पास शुभ मुहूर्त में स्थापित करें।
– मां दुर्गा की प्रतिमा को लाल रंग के वस्त्र में सजाएं।
– फूल, कपूर, अगरबत्ती, ज्योत के साथ पंचोपचार पूजा करें।
– नौ दिनों तक मां दुर्गा से संबंधित मंत्र का जाप करें और माता का स्वागत कर उनसे सुख-समृद्धि की कामना करें।
– अष्टमी या नवमी को नौ कन्याओं का पूजन करें और उन्हें तरह-तरह के व्यंजनों (पूड़ी, चना, हलवा) का भोग लगाएं।
– आखिरी दिन माँ दुर्गा के पूजा के बाद घट विसर्जन करें।