हिन्दू धर्म में भगवान गणेश जी को प्रथमपूजनीय देव माना जाता हैं। भगवान गणेश का वर्णन समस्त पुराणों में सुखदाता, मंगलकारी और मनोवांछित फल देने वाले देव के रूप में मिलता है।
भगवान गणेश का जन्म-
गणेश जी के जन्म के बारे में पुराणों में लिखा है की भगवान गणेश माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ के दूसरे पुत्र है। शिवपुराण के अनुसार गणेश जी शिवा यानि पार्वती जी के देह की मैल से उत्पन्न हुए हैं।
गणेश यानि गणों में सर्वश्रेष्ठ-
शिवपुराण के अनुसार ही गणेश जी को त्रिलोकी ने प्रथम पूजनीय होने का वरदान दिया है। शिवपुराण के अनुसार किसी भी देव की पूजा से पहले गणेश जी की पूजा करना अनिवार्य है। गणेश जी को विघ्नहर्ता भी माना गया है।
गणेश चतुर्थी-
गणेश जी का जन्म भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ है। इस दिन को गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन मनुष्यों को व्रत करना चाहिए।
श्री गणेश जी से जुड़ी वस्तुएं-
- चूहा : गणपति का वाहन मूषक यानि चूहा है।
- लड्डू : गणेश जी को लड्डू बहुत प्रिय हैं। पुराणों में कई जगह गजानन के मोदक प्रेम के विषय में लिखा गया है।
- बुद्धि और विवेक के देव : गणपति को बुद्धि और विवेक का देवता माना जाता है।
- तुलसी : गणेश जी की पूजा में तुलसी दल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
गणेश जी का मंत्र-
गणेश जी का मूल मंत्र “ऊँ गं गणपतये नम:” है।