श्री महाबलि हनुमान जी की स्तुति का सबसे सरल और सुगम उपाय है श्री हनुमान चालिसा। भगवान हनुमान जी को मंगलवार के अलावा शनिवार को भी पूजा जाता है। ऐसे में श्री हनुमान चालीसा भगवान की स्तुति का सर्वोत्तम उपाय है। भगवान की इस चालीसा में भगवान की शक्तियां बताई गई हैं। जब भी मन संकट में पड़े या दुविधा हो श्री हनुमान चालिसा की इन पंक्तियों को याद कर हम स्वयं को और पुष्ट कर सकते हैं।
श्री हनुमानजी ने सूर्य को मुंह में रख लिया था तब सूर्य को मुक्त करवाने हेतु देवराज इंद्र ने हनुमानजी पर शस्त्रों से प्रहार किया। श्री हनुमान जी मूर्छित हो गए थे मगर फिर वायु देव को जानकारी मिली। वायु देव कुपित हो गए और उन्होंने क्रोधित होकर अपनी शक्ति का प्रयोग किया। मगर देवताओं को यह जानकारी लगी कि भगवान श्री हनुमान जी रूद्र के अवतार हैं ऐसे में देवताओं ने श्री हनुमान जी को अपनी – अपनी शक्तियां भी प्रदान कीं।
भगवान हनुमान के पास कई शक्तियां हैं। इन शक्तियों में वे अष्ट सिद्धियों से युक्त हैं। उनके पास अणिमा, लघिमा, महिमा, प्रकाम्य, ईशित्व, वशित्व आदि शक्तियां हैं। श्री हनुमान जी अपने रूप को सूक्ष्म और लघु नज़र आते हैं। देवताओं द्वारा मंत्रों और हनुमान जी की विशेषताओं को दर्शाते हुए भगवान ने शक्ति प्रदान की।
भगवान हनुमान जी की शक्तियों को गोस्वामी तुलसीदास ने श्री हनुमान चालिसा में शामिल किया है। श्री हनुमान चालिसा में भगवान श्री हनुमान की स्तुति वर्णित है। जिसमें यह लिखा है कि भूत – पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे। जब भी आप को भय लगे तो हर दिन शाम को 108 बार हनुमान चालिसा की इन पंक्तियों का स्मरण कर लें।
जब आप बीमार हों तो नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बल बीरा पंक्तियों का स्मरण करें। और इसका करीब 108 बार जप करें। इससे रोग समाप्त हो जाऐंगे। सभी शक्तियां आपको अष्ट – सिद्धि नवनिधि के दाता, अस वर दीन जानकी माता पंक्तियों से मिलती है। इसका स्मरण करने और उच्चारण करने से आपको शक्तियां मिलेंगी।