भारत में बड़ी संख्या में शिव मंदिर हैं। कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां शिव ही प्रधान देव हैं और वहां शिव की आराधना का विशेष महत्व है। ऐसे में यदि यह कहा जाए कि इस सृष्टि के कण कण में शिव हैं तो गलत नहीं होगा। ऐसे में देश के शिवालयों में आराधना करना बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है। पवित्र नगरी बनारस में एक पवित्र और सिद्ध मंदिर है जहां भगवान का पूजन किया जाता है। जी हां इसे विश्वनाथ के नाम से जाना जाता है। यह बेहद पवित्र स्थल है। इस मंदिर का शिखर दक्षिण भारत के तंजावुर में प्रतिष्ठापित वृहदेश्वर मंदिर की तरह है। इसकी उंचाई बहुत अधिक है। इस मंदिर की दीवारों पर श्रीमद्भगवत्गीता के श्लोक उकेरे हुए मिलते हैं। यही नहीं संतों के वचन भी यहां पर अंकित हैं।
मंदिर में हर ओर बहुत ही सुंदर नक्काशी की गई है मंदिर में बहुत ही रमणीय प्रतिमा है। दूसरी ओर यहां पर शिव की आरती बहुत ही रोचक तरीके से होती है। आरती में श्रद्धालु शिव भक्ति में लीन हो जाते हैं। यह मंदिर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के मध्य में प्रतिष्ठापित है। श्रावण मास प्रति सोमवार और शिवरात्रि पर यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। महामना मदन मोहन मालवीय की भी इस मंदिर के प्रति अगाध श्रद्धा थी। उनहोंने उद्योपति युगल किशोर बिरला के सहयोग से इस मंदिर का निर्माण करवाया था। मंदिर परिसर में प्राकृतिक वातावरण भी बहुत ही शानदार है यहां हर समय मोरों की आवाज़ गूंजती है और आम के वृक्षों से ठंडी हवा आती रहती है।