आपको यह जानना चाहिए की घर के प्रवेश द्वार पर गणपति की मूर्तियों का जोड़ा रखना चाहिए. क्या आप जानते हैं कि गणेश जी की ऐसी प्रतिमा नहीं रखनी चाहिए जिसमे सूंड दाहिनी ओर हो. यदि आप इन नियमों और परंपराओं का पालन करेंगे तो आपको इस विश्व की सारी अच्छी चीज़े मिलेंगी.यदि आप इन परंपराओं और रीति रिवाजों का पालन नहीं करने पर शायद आप अपने घर में दुर्भाग्य को ल रहे हो. इसी प्रकार घर में गणेश जी की मूर्ति रखते समय यह सावधानिया रखनी चाहिए:
1. घर के प्रवेश द्वार पर रखने से: घर में गणेश जी की मूर्ति अखने का सबसे लोकप्रिय तरीका यह है की घर के प्रवेश द्वार पर ही गणेशजी की मूर्ति रखे, जिससे गणेश जी आपके घर पर आने वाली बुरी शक्तियों को रोकते है और साथ ही समृद्धि आती है. इस प्रकार से रखने से गणेश जी आपके घर के पालक बन जाते है.
2. जोडे़ में रखें: जब भी गणपति की मूर्ति को घर के प्रवेश द्वार पर रखते हो तो इसे जोड़े में रखें. मूर्ति का मुख प्रवेश द्वार की तरफ हो. क्योंकि यदि आप गणपति की किसी भी मूर्ति को इस प्रकार रखते हैं कि उसका पिछला भाग किसी कमरे की ओर हो तो इससे घर में दरिद्रता आती है. इस क्षति से बचने के लिए आपको विपरीति दिशा में एक अन्य मूर्ति रखनी चाहिए.
3.गणपति जी की मूर्ति को शो केस में भी सकते है, परन्तु मूर्तियों के बीच 1 इंच का अंतर होना चाहिए.
4. गणपति की मूर्ति के पास अन्य चमड़े से बने सामान नहीं रखना चाहिए, चमड़े से बनी हुई वस्तुएं जैसे चमड़े का बेल्ट, जूते या बैग आदि गणेश जी की मूर्ति से दूर रखें.
5. गणेश जी की सूंड का रखे ख्याल: जब भी आप मूर्ति ख़रीदे आप यह सुनिश्चित कर ले की गणेश जी की मूर्ति में सूंड दाहिनी और है.
6. सूंड दाहिनी ओर हो: गणेश जी की मूर्ति में दाहिनी और सूंड होती है तो उसके लिए विशिष्ट पूजा की आवश्यकता होती है. आप इन आवश्यकताओं की पूर्ति घर पर नहीं कर सकते और यही कारण है कि इस प्रकार की गणपति की मूर्ति केवल मंदिरों में ही मिलती है. आप घर में बाईं ओर की सूंड वाले, सीधी सूंड वाले या हवा में सूंड वाले गणपति की मूर्ति ही रखें.