भगवान सूर्य जिन्हें प्रत्यक्ष देवता कहा जाता है। इस धरती पर हम भगवान आदित्य की किरणों के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। भगवान सूर्य की रश्मियों से हमें जीवनीय उर्जा प्राप्त होती है। इससे हमें विटामिन डी भी प्राप्त होता है यह बात विश्लेषक सिद्ध कर चुके हैं। ऐसे में भगवान सूर्य का धार्मिक महत्व और बढ़ जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो इन्हें ज्योतिष के गणों में सबसे प्रमुख माना जाता है। सभी ग्रह, नक्षत्र भगवान सूर्य के अधीन होकर चलते हैं। यही नहीं इन्हें वर्षा का कारक देव भी कहा गया है। भगवान सूर्य को अध्र्य देने का विशेष महत्व है।
भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त करने के लिए उन्हें नित्य तांबे के एक जलपात्र में शुद्ध जलभरकर अध्र्य समर्पित किया जाना चाहिए। दूसरी ओर भगवान को दिए जाने वाले इस अध्र्य वाले जल में लाल चंदन, लाल पुष्प, अक्षत डालकर भगवान का ध्यान करना चाहिए तब हमें आयु, धन, धान्य, पुत्र, मित्र, तेज, यश, कांति, विद्या, सौभाग्य और हर उस तत्व की प्राप्ति होती है जिसकी हमें आकांक्षा होती है। भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त करने के लिए तांबे के सिक्के जल में प्रवाहित करने चाहिए। रविवार के दिन भगवान की आराधना करने से वे विशेषतौर पर प्रसन्न होते हैं इस दिन उन्हें गुड़ का भोग भी लगाया जाता है।