‘त्रियुगी नारायण’ एक पवित्र जगह है, माना जाता है कि सतयुग में जब भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह किया था तब यह ‘हिमवत’ की राजधानी था. इस जगह पर आज भी हर साल देश भर से लोग संतान प्राप्ति के लिए इकट्ठा होते हैं और हर साल सितंबर महीने में बावन द्वादशी के दिन यहां पर मेले का आयोजन किया जाता है.
Check Also
घर में कार पार्किंग के लिए वास्तु के इन नियमों का करें पालन
सनातन धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। वास्तु शास्त्र में घर में सभी …