PM नरेंद्र मोदी के रोड शो के दौरान शांति व्यवस्था के लिए पांच दिन से चल रही तैयारी सफल रही। दौरे की बीते पांच दिन से चल रही तैयारी सफल रही जबरदस्त पहरेदारी और सुरक्षा एजेंसियों के तालमेल के चलते लाखों की भीड़ के बीच कोई अप्रिय वाकया नहीं हुआ। जबरदस्त पहरेदारी और सुरक्षा एजेंसियों के तालमेल के चलते लाखों की भीड़ के बीच कोई अप्रिय वाकया नहीं हुआ। मोदी के दीवानों ने सुरक्षा इंतजाम का बखूबी पालन किया। पीएम का रथ आने से पहले सुरक्षाकर्मियों ने सड़क के दोनों तरफ लोगों को किनारे करने के लिए रस्से खींचे तो लोग खुद किनारे हो गए।।
एसपीजी के साथ जिला पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने रोड शो के दौरान सुरक्षा इंतजाम करने पर काफी मंथन किया था। रात-दिन तैयारी की गई थी। पुलवामा की घटना, पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक और श्रीलंका में बम विस्फोटों के बाद लाखों की भीड़ में सुरक्षा व्यवस्था थी भी बड़ी चुनौती। ऐसे में रोड शो के रूट का जबरदस्त एयर और मैनुअल सर्विलांस किया गया। हर घर, होटल, धर्मशाला में रहने वाले और ठहरे लोगों की जानकारी ली गई। मकान और होटल मालिकों को आगाह किया गया कि कोई भी बाहरी शख्स न ठहराएं और ठहरे लोगों की जानकारी दें। ड्रोन कैमरों के जरिए भी जांच की गई। गुरूवार को रोड शो के दौरान ड्रोन कैमरों तथा जगह-जगह लगे सैकड़ों सीसीटीवी कैमरों के जरिए कंट्रोल रूम में बैठे विशेषज्ञों ने भीड़ पर निगाह रखी। मकानों की छतों पर मुस्तैद जवान भी दूरबीन से दूर तक नजर बनाए हुए थे। भीड़ में बड़ी संख्या में पुलिस और खुफिया तंत्र के लोग सादे कपड़ों में चल रहे थे। एसपीजी अफसरों के साथ एडीजी पीवी रामाशास्त्री से लेकर एसएसपी आनंद कुलकर्णी, कमिश्नर दीपक अग्र्रवाल, डीएम सुरेंद्र सिंह सुबह से ही क्षेत्र में सक्रिय थे।
स्पेशल-120 फोर्स रही खासी मददगार : रोड शो के दौरान सुरक्षा और शांति के लिए 15 आईपीएस के साथ एक दर्जन जिलों से आए पांच हजार से ज्यादा पुलिस फोर्स की तैनाती रही। रैपिड एक्शन फोर्स, सीआईएसएफ, पीएसी की भी आठ कंपनियों ने मोर्चा संभाले रखा। मगर इसमें खास मौकों पर तैनाती के लिए गठित स्पेशल-120 फोर्स भी खासी सहायक रही। कुछ ही दिन पहले एक्शन में आए इन जवानों ने भीड़ नियंत्रण का काम किया।
अभेद सुरक्षा कवच में था पीएम का रथ : रोड शो में पीएम का रथ स्पेशल प्रोटेक्शन ग्र्रुप, पैरा मिलेट्री फोर्स और सिविल पुलिस के चुनिंदा तेज तर्रार जवानों के सुरक्षा घेरे में रहा। काफिले में सभी तरह के जीवन रक्षक उपकरणों से सुसज्जित तीन एंबुलेंस भी थे। रथ से काफी आगे डेमो वाहन था उसके बाद वार्निंग जिप्सी। पीएम के रथ के आगे करीब 50 मीटर तक केवल सुरक्षाकर्मी और बीजेपी के नेता और चुनिंदा पदाधिकारी ही चल रहे थे। काफिले में एक बख्तरबंद वाहन में स्पेशल फोर्स के जवान मुस्तैद थे जो किसी हमले या कोई अन्य अप्रिय घटना से निपटने में प्रशिक्षित हैं। पीएम के रथ पर उनके एकदम करीब एसपीजी के दो जवान एक-एक हाथ में खास ढाल थामे चौकन्ने बैठे थे ताकि कोई छत से फूल की बजाय कुछ हानिकारक वस्तु फेंके तो उसे पीएम के शरीर से टकराने से रोक सकें। रथ के चारो तरफ एसपीजी के कमांडो थे जो पैनी नजरों से हर शख्स पर नजर रख रहे थे। ये जवान किसी गतिविधि पर जरा भी शक होने पर फौरन एक्शन लेने में माहिर होते हैं।