प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार को दिए इंटरव्यू में राजनीतिक विषयों से इतर कई अन्य पहलुओं को छुआ. साक्षात्कार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि मुझे सुबह 5 बजे चाय पीने की आदत है और शाम को 6 बजे भी मुझे चाय की आदत है. शाम वाली चाय की तलब उन्हें लगती है. उनकी इच्छा खुले में अकेले बैठकर चाय पीने की रहती है. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि पहले वह खुद के मिलने के लिए अपना घर छोड़ देते थे और अकेले एकांत के लिए घूमते रहते थे.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘पहले मैं दिवाली मनाता नहीं था. मैं दिवाली में 4-5 दिन कहीं चला जाता था. इस समय के लिए अपनी जरुरत के हिसाब से पानी इत्यादि जरुरी सामान रख लेता था जो खुद मैं उठा सकता था. लेकिन निकलने से पहले मैं काफी सर्च कर लिया करता था और फिर मैं निकल जाता था. जंगलों में या जहां इंसान न हो, पीने का पानी उपबल्ध हो बस. मैं रेडियो भी नहीं रखता था. संचार का कोई साधन नहीं रखता था. मैं बस प्रकृति को देखता रहता था. मेरे उस कार्यक्रम का नाम था, ‘मैं मुझसे मिलने जाता हूं.’
अक्षय कुमार के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कभी मेरे मन में प्रधानमंत्री बनने का विचार नहीं आया और सामान्य लोगों के मन में ये विचार आता भी नहीं हैं और मेरा जो फैमिली बैकग्राउंड हैं उसमें मुझे कोई छोटी नौकरी मिल जाती तो मेरी मां उसी में पूरे गायों को गुड़ खिला देती. उन्होंने कहा कि वह अनुशासन का कड़ाई से पालन करते हैं.
गुस्सा आने और किसी पर गुस्सा करने के सवाल पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेरे लिए कभी कोई कहेगा की मुझे गुस्सा आता है ये सरप्राइज होगा. राजी, नाराजगी और गुस्सा ये सब जीवन का हिस्सा है. ईश्वर ने आपको, हर किसी को सब कुछ दिया है, लेकिन यह आपको ही तय करना होता है कि उनमें से अच्छी चीजों को बल देते आगे कैसे बढ़ना है. इन चीजों से जो नकारात्मकता आती हैं वो आपको रोकती हैं और आपको नियंत्रित करती हैं.