आशचर्य की बात यह है कि जो चिह्न श्रीराम के दक्षिण पैर में हैं वैसा ही भगवती सीता के वाम पैर में भी हैं। और जो चिह्न राम जी के वाम पैर में हैं वे सीता जी के दक्षिण पैर में हैं।
Check Also
कब और कैसे करें वरूथिनी एकदाशी का पारण, अभी नोट करें शुभ मुहूर्त
धार्मिक मान्यता के अनुसार, एकादशी व्रत करने से साधक को जीवन के सभी पापों छुटकारा …