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मकर संक्रांति से नव ग्रहों के स्वामी सूर्य उत्तरायण होते हैं। यह पर्व सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का उत्सव है। इसलिए इस मौके सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है।
पंडित देवेश्वर का कहना है कि संक्रांति के दिन सूर्य को जल जरूर चढ़ाना चाहिए। इससे सूर्य की कृपा बनी रहती है और रास्ते की बाधाएं दूर होती हैं। उनका कहना है कि इस दिन सूर्य को 12 सूर्य नाम लेते हुए जल चढ़ाना विशेष फलदायी होता है। यूं भी हमारे जीवन में रोजाना सूर्य नमस्कार करने का अलग ही महत्व है। सूर्य की उपासना से मन शांत और प्रसन्न होता है… धन, यश और सम्मान की प्राप्ति होती है।
जिसकी कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति में हो उन्हें इन मंत्रों के साथ मकर संक्रांति पर सूर्य की पूजा जरूर करनी चाहिए। आइए जानते हैं इन चमत्कारी मंत्रों के बारे में
ॐ सूर्याय नम:
ॐ भास्कराय नम:
ॐ रवये नम:
ॐ मित्राय नम:
ॐ भानवे नम:
ॐ खगय नम:
ॐ पुष्णे नम:
ॐ मारिचाये नम:
ॐ आदित्याय नम:
ॐ सावित्रे नम:
ॐ आर्काय नम:
ॐ हिरण्यगर्भाय नम: