ज्योतिष में कुल नौ ग्रह सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु बताए गए हैं। इन नौ ग्रहों में शनिदेव को क्रूर माना जाता है। शनि को प्रसन्न करने के लिए हर शनिवार तेल का दान जरूर करें। ये उपाय मेष से मीन तक, सभी राशि के लोग कर सकते हैं। पूजा-पाठ के साथ ही कुछ और शुभ काम भी करते रहना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति गरीबों की मदद करता है तो उसे शनि की विशेष कृपा मिलती है और हमारी हर बाधा दूर हो सकती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार जानिए शनि को किन कामों से प्रसन्न कर सकते हैं…
1. समय-समय पर गरीबों को काले तिल और तेल का दान करना चाहिए। काले चने, काली उड़द, काले कपड़े का भी दान करना चाहिए।
2. बारिश और धूप से बचने के लिए किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद को छाते का दान करें।
3. रोज सुबह-शाम जब भी रोटी बनाएं तो अंतिम रोटी कुत्ते को खिलानी चाहिए।
4. किसी नेत्रहीन की मदद करें। अगर संभव हो सके तो उसकी दवाइयों का खर्च उठाएं।
5. हर शनिवार को शनि के लिए व्रत रखें। किसी भंडारे में अन्न का दान करें।
6. मांसाहार और नशे से दूर रहें। रोज सुबह मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं।
7. हर शनिवार पानी में काले तिल डालकर स्नान करें।
8. किसी सफाईकर्मी को नए कपड़ों का दान करें।
9. कभी भी माता-पिता, किसी गरीब, ब्राह्मण या घर-परिवार के लोगों का दिल न दुखाएं।
10. किसी मंदिर में पीपल का पौधा लगाएं और उसकी देखभाल करें।
व्रत विधि
– ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नहा धोकर और साफ कपड़े पहनकर पीपल के वृक्ष पर जल अर्पण करें।
– लोहे से बनी शनि देवता की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं।
– फिर मूर्ति को चावलों से बनाए चौबीस दल के कमल पर स्थापित करें।
– इसके बाद काले तिल, फूल, धूप, काला वस्त्र व तेल आदि से पूजा करें।
– पूजन के दौरान शनि के दस नामों का उच्चारण करें- कोणस्थ, कृष्ण, पिप्पला, सौरि, यम, पिंगलो, रोद्रोतको, बभ्रु, मंद, शनैश्चर।
– पूजन के बाद पीपल के वृक्ष के तने पर सूत के धागे से सात परिक्रमा करें।
– इसके बाद शनिदेव का मंत्र पढ़ते हुए प्रार्थना करें…
मंत्र- शनैश्चर नमस्तुभ्यं नमस्ते त्वथ राहवे। केतवेअथ नमस्तुभ्यं सर्वशांतिप्रदो भव॥