नीलकंठ महादेव मंदिर, ऋषिकेशमहाशिवरात्रि के पावन अवसर पर नीलकंठ महादेव के दर्शन के लिए लगातार देश के कोने-कोने से शिव भक्त अपने नीलकंठ धाम आते हैं. मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान निकला विष शिव ने इसी स्थान पर पिया था. विष पीने के बाद उनका गला नीला पड़ गया, इसलिए उन्हें नीलकंठ कहा गया.
अमांडा मंदिर, असम ब्रह्मपुत्रा नदी के बीचोंबीच स्थित अमांडा मंदिर में हर साल शिवरात्रि पर काफी लोग भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं.
खजुराहो मंदिर, मध्य प्रदेश इस मंदिर की परंमरा के मुताबिक यहां के लोग समुद्र में डुबकी लगाते हैं. दूर दूर से शिव भक्त यहां दर्शन करने आते हैं. शिवरात्रि के अवसर पर मंदिर में मेला लगता है.
कालाहस्ती मंदिर, आंध्र प्रदेश यह भगवान शिव के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है. यहां प्रसिद्ध वायु लिंग का स्थल है जो पांच तत्वों में से एक का प्रतीक है. मान्यता अनुसार इस स्थान का नाम तीन पशुओं – श्री यानी मकड़ी, काल यानी सर्प तथा हस्ती यानी हाथी के नाम पर किया गया है. ये तीनों ही यहां शिव की आराधना करके मुक्त हुए थे.
भूतनाथ मंदिर, हिमाचल प्रदेश हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भूतनाथ मंदिर पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है.यहां हर साल शिवरात्रि पर उत्सव मनाया जाता है जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते है, यह उत्सव पूरे एक सप्ताह तक चलता है. लोगों का ऐसा मानना है कि इस दौरान 100 स्थानीय देवता यहां पधारते हैं.
लोकनाथ मंदिर, पुरी लोकनाथ मंदिर पुरी का दूसरा लोकप्रिय मंदिर है. कहते हैं कि यह यहां के एक तालाब के नीचे था जहां भगवान शिव शनिदेव से छिपाकर बैठे थे. लोगों का मानना है कि मंदिर के इस लिंगा को भगवान रामचंद्र द्वारा स्थापित किया गया है. शिवरात्रि से एक रात पहले जब सारा पानी बाहर निकाल दिया जाता है ताकि श्रद्धालु लिंग की पूजा कर सकें.
तिलभंडेश्वर मंदिर, वाराणसीवाराणसी को भगवान शिव की नगरी कहा जाता हैं. तिलभंडेश्वर मंदिर सबसे पुराने मंदिरों मे से एक हैं. महाशिवरात्रि के अवसर पर 5 घंटे लंबी यात्रा निकाली जाती है.