आप सभी जानते ही होंगे कि हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है क्योंकि इस दिन गंगा स्नान, दीपदान, दान , भगवान की पूजा, आरती, हवन आदि किया जाता है. वहीं इस दिन किसी भी धार्मिक कार्य का सौ गुना फल मिल जाता है और आप सभी को बता दें कि इस बार कार्तिक पूर्णिमा 23 नवंबर को मनाई जाएगी यानी कल. कहते हैं इस दिन लोग गंगा नदी में स्नान करते हैं और अपने पाप धोते हैं. वहीं इस दिन दान और दीपदान किया जाता हैं जिसका विशेष महत्व होता है. वहीं कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा कार्तिक पूर्णिमा कहलाती है. आप सभी को बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन दो और पर्व भी है. जी हाँ इस बार 23 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा, गुरु परब और देव दीपावली भी है. आइए जानते हैं इन पर्वों के बारे में.
गुरु परब – आप सभी को बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही सिखों के पहले गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ. बताया जाता है उनका जन्म संवत 1526 को कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था और सिख समुदाय के लोग इस दिन को प्रकाश उत्सव और गुरु पर्व (गुरु परब) के रुप में मनाया करते हैं. वहीं गुरु नानक देव सिख धर्म के पहले गुरु थे. आप सभी देख सकते हैं इस दिन सभी गुरुद्वारे पर प्रकाश पर्व की रौनक दिखाई पड़ती है और अमृतसर का गोल्डन टेंपल भी इस दिन रोशनियों से जगमगा जाता है.
देव दीपावली – आप सभी को बता दें कि देव दीपावली का मतलब देवताओं की दीपावली होता है और दीपावली के ठीक 15 दिन बाद देव दिवाली का पर्व मनाया जाता है. ऐसे में यह दीपावली गंगा नदी की पूजा के लिए काशी यानी बनारस में मनाई जाती है और ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव धरती पर आते हैं इस कारण से भगवान शंकर की नगरी काशी में यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है.