ऐसी मान्यता है कि असुरों के राजा रावण का संहार करने के लिए भगवान विष्णु ने त्रेता युग में राम के रूप में जन्म लिया था.
भगवान राम के रूप में ये भगवान विष्णु का सातवां अवतार था.
भगवान राम थे और इस बात को साबित करने के लिए फादर कामिल बुल्के ने 300 से अधिक तथ्यों को लोगों के सामने रखा.
वाल्मीकि रामायण के मुताबिक, भगवान राम का जन्म चैत्र मास की नवमी को हुआ था.
वाल्मीकि रामायण में बताया गया है कि शादी के समय सीता मां की आयु केवल 6 साल थी.
मां सीता, भगवान राम के साथ 12 साल तक अयोध्या में रहीं. जब वे 18 साल की थीं तक वनवास में भगवान राम के संग निकलीं.
जिस सीता स्वयंवर का रामचरित मानस में खूब बखान किया गया है, उसका उल्लेख वाल्मीकि रामायण में है ही नहीं.