मशहूर फिल्मकार रामानंद सागर ने हिन्दू धर्म की आत्मा और संस्कृति के वाहक भगवान् श्री राम के जीवन को प्रसिद्ध टीवी सीरियल रामायण के माध्यम घर घर पहुचाया जिस से भारत का हर नागरिक चाहे हिन्दू हो या मुसलमान सभी ने भगवान् श्री राम और उनके जीवन चरित्र को समझा और उनके बारे में जाना लेकिन आज हम आपके भगवान् श्री राम के जीवन के कुछ ऐसे पहलुओ से वाकिफ कराने जा रहे है जिस से आम तौर पर लोग नावाकिफ ही है हुम आज आपको मिलवायेंगे भगवान श्री राम के पूरे परिवार से कैसे भगवन श्री राम ने अपने राज्य का बंटवारा किया,भगवान् श्री राम के परिवार में कौन कौन था और किसे क्या मिला ये सब आज हम आपको बताएँगे |
धार्मिक ग्रंथो के अनुसार वैवस्तव मनु के कुल दस पुत्र थे,जिनमें आठवें पुत्र का नाम इक्ष्वाकु था,इक्ष्वाकु के द्वारा ही कोशल नगरी बसाई गयी थी जिसकी राजधानी का नाम अयोध्या था,इक्ष्वाकु के वंश में अज तथा उनके पुत्र राजा दशरथ हुए,राजा दशरथ के ही पुत्र राम लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघन हुए,राजा दशरथ की पत्नी कौशल्या के पुत्र राम सुमित्रा के पुत्र लक्ष्मण तथा शत्रुघन तथा कैकई के पुत्र भरत थे,वाल्मिीकी रामायण के अनुसार भगवान राम की पत्नी सीता तथा उनके दो पुत्र लव तथा कुश थे,भरत की पत्नी माण्डवी उनके पुत्र पुष्कल तथा मणिभद्र थे,लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला तथा उनके पुत्र चन्द्रकेतु और चित्रांगद (अंगद) थे,शत्रुघन की पत्नी श्रुतिकीर्ति तथा उनके पुत्र सुबाह तथा भद्रसेन हुए,भद्रसेन को शूरसेन के नाम भी जाना जाता है,भगवान राम अनंत धाम जाने से पूर्व भरत को अयोध्या के सिंहासन पर बैठाना चाहते थे,परन्तु भरत भी भगवान के साथ जाने को तैयार हुए,तब भगवान राम ने अपने राज्य को आठ भागों में बांट दिया था,चारों भाईयों के पुत्रों को एक भाग का राजा बना दिया था।
भगवान श्री राम ने अपनों के बीच किया अपने राज्य का बंटवारा
आज हम आपको मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के परिवार के उन सदस्यों से परिचित करा रहे है जिनके बारे में बहुत कम ही सूना और जाना गया है रामायण टीवी सीरियल और धार्मिक ग्रंथो के उल्लेखानुसार ज्यादातर बह्ग्वान श्री राम के माता पिता और भाइयो की चर्चा ही होती रही लेकिन भगवान् श्री राम के भाइयो की पत्नियों और उनके पुत्रो के बारे में बहुत कम लोग जानते है भगवान राम ने अपने परिवार के किस सदस्य को क्या दिया ये आप भी जानिये ,भगवान राम के पुत्र लव तथा कुश में से भगवान राम ने लव को उत्तर कौशलपुरी का राजा बनाया जिसकी राजधानी का नाम लवपुरी (लाहौर) था वही कुश को दक्षिण कौशल नगरी का राजा बनाया जिनकी राजधानी का नाम कौशाम्बी था,लक्ष्मण के पुत्र चन्द्रकेतु तथा चित्रांगद लक्ष्मण महाराज ने अपने पुत्र चित्रांगद को कामरूथ तथा चन्द्रकेतु को चन्द्रकांतापुरी को राजा बनाया गया था,भरत के पुत्र पुष्कल और मणिभद्र अपने अन्य भाइयो की तरह महाराजा भरत ने भी अपने पुत्र पुष्कल को पुष्कलावत तथा मणिभद्र को तक्षशिला नाम के राज्य का राजा बनाया था वही रजा दशरथ के चारो पुत्रो में सबसे छोटे शत्रुघन महाराज ने अपने पुत्र सुबाहु तथा भद्रसेन को मथुरा नगरी का राजा तथा भद्रसेन को विदिशा नगरी का राजा बनाया था।