पूरे देश में हनुमान जन्मोत्सव का उल्लास है। भगवान राम और उनके इस परम भक्त हनुमान की आज हर जगह पूजा-आराधना होती है। भगवान और भक्त के इस रिश्ते का रामचरित मानस में बखूबी बखान किया गया है। हम आपको यहॉँ उस घटनाक्रम के बारे में बताएँगे जब भगवान राम और हनुमान की पहली मुलाकात हुई थी।
रामचरित मानस के किष्किंधा कांड में इसका उल्लेख है। यह तब की बात है जब रावण, माता सीता का अपहरण कर ले गया था और राम तथा लक्ष्मण उनकी तलाश में यहां-वहां भटक रहे थे। सीता की खोज करते-करते दोनों भाई ऋष्यमुख पर्वत पर पहुँचे । वहां सुग्रीव, हनुमान और उनकी पूरी वानर मंडली बैठी हुई थी।
तब सुग्रीव अपने भाई बाली से बहुत डरते थे। दोनों में पहले प्रेम था, लेकिन बाद में दुश्मनी हो गई थी। दो बलशाली और तेजस्वी युवाओं को देखकर सुग्रीव को आशंका हुई कि बाली ने उसे मरवाने के लिए उन्हें भेजा है।