सोमवार को माघ मास समाप्त हो जाएगा और मंगलवार से फाल्गुन मास का शुभारंभ होगा। होली से एक माह पूर्व स्थापित होने वाला होली का डांडा सोमवार को माघ पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में रोपा जाएगा। डांडा रोपण के साथ ही शहर एवं गांवों में फाल्गुन और होली के गीतों की बयार शुरू हो जाएगी।
पंडित पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसार होली का डांडा रोपण का श्रेष्ठ मुहूर्त दोपहर 2 से 5 बजे तक रहेगा। इसके अलावा भी लोग चौघडि़या देखाकर डांडा रोपण करेंगे। सिटी पैलेस, ब्रदीनाथ जी का चौक, गोविंद देवजी का मंदिर, नमक मंडी में शुभ मुहूर्त में डांडा रोपण किया जाएगा।
चंग की थाप के साथ मचेगी धमाल
देर रात तक गली-मौहल्लों में चंग की थाप के साथ होली के गीतों की धमाल रहेगी। फाल्गुन के महीने में मंदिरों में भी फागोत्सवों की धूम रहेगी। महंत बंशीधर शर्मा ने बताया कि पहले होली के डांडा के रोपण को लेकर युवाओं में काफी उत्साह रहा करता था, लेकिन अब केवल औपचारिकता रह गई।
अब लोगों में न तो उतना उत्साह है और न ही उल्लास है। पहले लड़कियां चौपाल पर एकत्र होकर एक माह तक होली के गीत गाती थीं, लेकिन अब वे गीत कहीं पर सुनाई नहीं पड़ते।
फाल्गुन के महीने में मंदिरों में भी फागोत्सव की धूम रहेगी। मंदिरों में फाग गाए जाएंगे और श्रद्धालु ठाकुरजी के साथ फूलों एवं गुलाल से होली खेलेंगे। मंदिरों में फागोत्सव की विशेष झांकियां सजाई जाएगी।
ये हैं सावों की तारीख
पुरानी परंपरा के अनुसार होली का डांडा रोपण के बाद विवाह-लग्न नहीं होते हैं लेकिन इस बार डांडा रुपने के बाद भी विवाह मुहूर्त होने से शादी जैसे शुभ कार्य होंगे। इस बार 22 व 24 फरवरी तथा 5, 10 एवं 11 मार्च को विवाह मुहूर्त हैं।