उत्तरप्रदेश का एक प्रमुख शहर है ‘हरदोई’। भक्त प्रह्लाद की नगरी के रूप में मशहूर जिला हरदोई से करीब 30 किलोमीटर दूर है ‘सकहा शंकर मंदिर’। यह मंदिर सकहा नाम के क्षेत्र में है। किंवदंतियों के अनुसार, प्राचीन काल में यहां राजा हिरण्यकशिपु का शासन था।
सकहा का प्राचीन नाम सोनिकपुर था तथा यहां पर शंकासुर नामक दैत्य रहता था। जो हरदोई के शासक हिरण्यकशिपु का सहयोगी था। जब भक्त प्रह्लाद के आह्वान पर जब भगवान विष्णु ने नरसिंह रूप में अवतरित हुए और हिरण्यकशिपु का वध कर दिया था। तब शंकासुर ने भी यह स्थान छोड दिया।
‘सकहा शंकर मंदिर’ एक प्राचीन मंदिर है, जिसका जीर्णोधार दशकों पहले करवाया गया था। सदियों पुराने शिवलिंग को ध्यान से देखने पर पिरामिड जैसी आकृति दिखाई देती है। जहां भगवान शिव का दशकों पहले जीर्णोद्धार कर शिव मंदिर बनाया गया था।
सकहा शंकर मंदिर, सकहा क्षेत्र में हैं लेकिन इसके नजदीक ही हरदोई का भी हिंदू पौराणिक कहानियों में उल्लेख मिलता है। मान्यता है कि हरदोई में भगवान विष्णु ने दो बार अवतार लिया, पहली बार नरसिंह अवतार और दूसरी बार वामन अवतार।