कर्नाटक राज्य के मैंगलूरु जिले के मुस्लिम परिवार की 9वीं कक्षा की छात्रा फातिमा ने देश में फैली ‘असहिष्णुताÓ की चर्चा के बीच धार्मिक सौहार्द को बढ़ावा देने वाला काम किया है। फातिमा राहिला ने पूरे जिले में रामायण एग्जाम में 93 फीसद अंकों के साथ टॉप किया है। रामायण एग्जाम नवंबर 2015 में भारत संस्कृति प्रतिष्ठिान द्वारा आयोजित करवाया गया था। कर्नाटक-केरल सीमा पर स्थित सुल्लिायापडावु की सर्वोदय स्कूल में पढऩे वाली फातिमा रामायण एग्जाम के बाद महाभारत एग्जाम में हिस्सा लेना चाहती है। उसकी इच्छा है कि वह रामायण और महाभारत के बारे में अपनी पढ़ाई जारी रखे।
फैक्ट्री में काम करने वाले फातिमा के पिता इब्राहिम एम ने कहा कि इस में फातिमा के चाचा ने उसकी मदद की है। फातिमा की मां होममेकर हैं। उसके माता-पिता की इच्छा थी कि उनकी बेटी पूरे राज्य में टॉप करे। इब्राहिम का कहना है कि उसने राज्य में टॉप करने के लिए काफी मेहनत की, लेकिन वह इसे हासिल नहीं कर पाई।
फातिमा की हिंदू धर्म साहित्य में रूचि कक्षा 9 में पैदा हुई थी। फातिमा ने कहा कि मैंने मेरे अंकल की मदद से इसकी तैयारी शुरू की थी। अब मेरी इच्छा है कि मैं महाभारत एग्जाम में हिस्सा लूं। स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि छात्रों ने एग्जाम में हिस्सा खुद से तैयारी करके लिया था। इसके लिए उन पर कोई दबाव नहीं डाला गया।