
सूत्रों ने बताया कि राजा विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र के अनुरोध पर प्रदेश सरकार ने इस राजमहल को एक हेरिटेज होटल के रुप में विकसित करने का फैसला लिया। धार्मिक नगरी के रुप में प्रसिद्ध अयोध्या को विश्व के पर्यटन मानचित्र पर उभारने के लिए राजस्थान और मध्य प्रदेश की तर्ज पर अयोध्या के राजसदन को हेरिटेज होटल के रुप में विकसित करने का प्रयास करने का फैसला लिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि होटल का निर्माण सम्बन्धी खाका तैयार किया जा रहा है। राजमहल के विशाल परिसर में स्थित सुन्दर भवन और उसमें बने कमरों का रंग-रोगन कर उन्हें नयी शक्ल दिये जाने की योजना है।
वहीं परिसर में मौजूद प्राचीन स्थापत्य कला के नमूनों को भी संरक्षित कर उन्हें पर्यटकों के सामने पेश किया जायेगा। वैसे तो धार्मिक नगरी अयोध्या मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्मस्थली के रुप में पूरी दुनिया में जानी जाती है लेकिन अयोध्या में पर्यटकों के ठहरने की बेहतर व्यवस्था न होने के कारण देश-विदेश से आने वाले पर्यटक बनारस और इलाहाबाद तक तो आते हैं, लेकिन अयोध्या आने से कतराते हैं जिसके चलते अयोध्या में विदेशी सैलानियों की आमद न के बराबर है।
राजसदन परिसर को हेरिटेज होटल के रुप में विकसित होने से उम्मीद जतायी जा रही है कि अयोध्या में विदेशी सैलानियों की आमद बढेगी। श्री मिश्र के मुताबिक राजसदन के एक हिस्से को हेरिटेज होटल का रुप दिया जायेगा जिससे अयोध्या में पर्यटन को बढावा मिलेगा।
इसके लिए पंजीकरण कराया जा चुका है। योजना को धरातल पर लाने के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति मिल गयी है। अब इस योजना पर जल्द ही काम शुरु किया जायेगा। पहले चरण में इस हेरिटेज में कितने कमरे होंगे और उनका स्वरुप कैसा होगा, इसका खाका तैयार किया जा रहा है।