1. हो इ हि सो इ जो रा म र चि रा खा।
को क रि त र्क ब ढ़ा वै सा खा।
स्थान- यह चौपाई बालकाण्ड के अंतर्गत शिव और पार्वती के संवाद में है।
फल- प्रश्नकर्ता को इस उत्तरस्वरूप, कार्य होने में संदेह है, अतः उसे भगवान पर छोड़ देना उचित होगा।
2 . सुनु सिय सत्य असीस हमारी।
पूजिहि मन कामना तुम्हारी।।
स्थान- यह चौपाई बालकाण्ड में श्री सीताजी के गौरीपूजन के प्रसंग में है। गौरी जी ने सीता जी को आशीर्वाद दिया है।
फल- प्रश्नकर्ता का प्रश्न उत्तम है। कार्य सिद्ध होगा।
3. प्रबिसि नगर कीजे सब काजा।
ह्दयं राखि कोसलपुर राजा।।
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स्थान- यह चौपाई सुंदरकांड में हनुमानजी के लंका में प्रवेश करने के समय की है।
फल- भगवान का स्मरण करके कार्य आरंभ करो, सफलता मिलेगी।
4 . उघरहिं अंत न होइ निबाहू।
कालनेमि जिमि रावन राहू।।
स्थान- यह चौपाई बालकाण्ड के आरंभ में सत्संग-वर्णन के प्रसंग में है।
फल- इस कार्य में भलाई नहीं है। कार्य की सफलता में संदेह है।
5 . बिधि बस सुजन कुसंगत परहीं।
फनि मनि सम निज गुन अनुसरहीं।।
स्थान – यह चौपाई भी बालकाण्ड के आरंभ में सत्संग-वर्णन के प्रसंग में है।
फल- खोटे मनुष्यों का संग छोड़ दें। कार्य पूर्ण होने में संदेह है।
6 . मुद मंगलमय संत समाजू।
जो जग जंगम तीरथराजू।।
स्थान- यह चौपाई बालकाण्ड में संत समाजरूपी तीर्थ के वर्णन में है।
फल- प्रश्न उत्तम है। कार्य सिद्ध होगा।
7. गरुल सुधा रिपु करहिं मिताई।
गोपद सिंधु अनल सितलाई।।
स्थान- यह चौपाई हनुमानजी के लंका में प्रवेश के समय की है।
फल- प्रश्न बहुत श्रेष्ठ है। कार्य सफल होगा।
8 . बरुन कुबेर सुरेस समीरा।
रन सन्मुख धरि काहुं न धीरा।।
स्थान- यह चौपाई लंकाकाण्ड में रावण की मृत्यु के पश्चात मंदोदरी के विलाप के प्रसंग में है।
फल- कार्य पूर्ण होने में संदेह है।
9 . सुफल मनोरथ होहुं तुम्हारे।
रामु लखनु सुनि भए सुखारे।।
स्थान- यह चौपाई बालकाण्ड में पुष्पवाटिका से पुष्प लाने पर विश्वामित्रजी का आशीर्वाद है।
फल- प्रश्न बहुत उत्तम है। कार्य सिद्ध होगा।
इस तरह श्रीरामशलाका प्रश्नावली से कुल नौ चौपाइयां बनती हैं, जिनमें सभी प्रकार के प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं।