हर मनुष्य की कई कामनाएं होती हैं। अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए कर्मों के साथ-साथ देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना भी की जाती है। मनुष्य अपने हर दुःख में, हर परेशानी में भगवान को याद अवश्य करता है, परन्तु कम ही लोग यह बात जानते हैं कि किस मनोकामना को पूरा करने के लिए किस देवी-देवता की उपासना की जानी चाहिए।
श्रीमद्भागवतमहापुराण में इस बात का विस्तृत वर्णन दिया गया है-
1. जिन्हें संतान की इच्छा हो, उन्हें प्रजापतियों की उपासना करनी चाहिए।
2. धन चाहने वालों को मायादेवी या देवी लक्ष्मी की उपासना करनी चाहिए।
3. तेज और शक्ति की प्राप्ति के लिए अग्नि की आराधना करनी चाहिए।
4. जिसे अन्न प्राप्ति की इच्छा हो, उसे देव माता अदिति की उपासना करनी चाहिए।
5. स्वर्ग प्राप्ति की इच्छा रखने वाले को देव माता अदिति के पुत्र सूर्य, इन्द्र, वामन आदि की पूजा करनी चाहिए।
6. लम्बी आयु की इच्छा रखने वालों को सूर्यपुत्र अश्र्विनीकुमारों की आराधना करनी चाहिए।
7. सुंदरता और सौन्दर्य प्राप्ति की कामना वालों को गन्धर्वों की उपासना करनी चाहिए।
8. पत्नी की प्राप्ति के लिए अप्सरा उर्वशी की आराधना करनी चाहिए।
9. विद्या प्राप्ति के लिए भगवान शिव की और पति-पत्नी में परस्पर प्रेम बनाये रखने के लिए माता पार्वती की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
10. बाधाओं से बचने के लिए यक्षों की आराधना का महत्व माना जाता है।
11. सुख और समृद्धि की कामना वालों को मायादेवी की उपासना करना चाहिए।
12. वीरता और बल चाहने वालों को रुद्रों की आराधना करनी चाहिए।
13. सम्मान की चाह रखने वालों को लोकमाता पृथ्वी की पूजा करनी चाहिए।
14. सबका स्वामी बनने की इच्छा रखने वाले को भगवान ब्रह्मा की आराधना करनी चाहिए।