सूर्यदेव जगत में जीवन के प्राण तत्व के संचालक कहे जाते हैं। उनके प्रकाश से धरती पर जीवों की उत्पत्ति होती है। ऋतुएं बदलती हैं और अंधकार दूर होता है। ज्योतिष शास्त्र में भी सूर्यदेव को बहुत महत्व दिया गया है। उनकी प्रबलता और गुण किसी जातक को यशस्वी और भाग्यशाली बनाते हैं। सनातन संस्कृति में सूर्यदेव को जल चढ़ाने की भी परंपरा है। जानिए सूर्य को जल चढ़ाने से कौनसे फायदे होते हैं।
अगर कोई व्यक्ति नियमपूर्वक सूर्य को जल चढ़ाता है तो उसका शरीर रोगमुक्त तथा ऊर्जावान बनता है। सूर्य की किरणों से उसे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
सूर्यदेव को जल चढ़ाने से पितृदेव प्रसन्न होते हैं और उस व्यक्ति के घर में लक्ष्मी तथा सुख-शांति का वास होता है। पितृदेवाें से संबंधित दोष भी सूर्य को जल चढ़ाने से दूर होते हैं।
अगर कुंडली में किसी ग्रह का दोष है तो सूर्यदेव को जल जरूर चढ़ाना चाहिए। इससे दोष का निवारण होता है या वह दोष प्रभावहीन हो जाता है।
सूर्य को जल चढ़ाने का लाभ तन और मन दोनों को मिलता है। इससे जहां शरीर स्वस्थ होता है वहीं मन की भी शुद्धि होती है। मन की एकाग्रता बढ़ती है।
सूर्य को जल चढ़ाने से आत्मबल प्राप्त होता है। इस दौरान अगर तांबे का पात्र काम में लिया जाए तो यह उत्तम रहता है।
इसके अलावा जीवन में आने वाले तनाव और समस्याओं का भी निवारण होता है। ज्योतिष की मान्यता है कि ये समस्याएं सूर्य के दोष से उत्पन्न होती हैं। अगर सूर्य शांत हो तो इनका सहज ही निवारण हो जाता है।