धार्मिक मत है कि योगिनी एकादशी के दिन विष्णु जी और मां लक्ष्मी की पूजा करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। श्री हरि को भोग न लगाने से व्रत अधूरा माना जाता है। इसलिए प्रभु को प्रिय चीजों का भोग जरूर लगाएं। ऐसा करने से पूजा का पूर्ण का फल प्राप्त होता है। चलिए जानते हैं एकादशी के भोग में किन चीजों को शामिल करना चाहिए?
साल में 24 एकादशी तिथि होती हैं। सभी एकादशी का अधिक महत्व है। आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर योगिनी एकादशी व्रत किया जाता है। इस वर्ष यह एकादशी 02 जुलाई को है। इस खास अवसर पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही सभी पापों से मुक्ति पाने के लिए व्रत भी किया जाता है। धार्मिक मत है कि ऐसा करने से जातक के जीवन में आने वाले सभी संकट दूर होते हैं।
योगिनी एकादशी के भोग
- भगवान विष्णु को पंचामृत प्रिय है। योगिनी एकादशी पर पूजा के अंत में प्रभु को पंचामृत का भोग जरूर लगाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी और श्री हरि प्रसन्न होते हैं। साथ ही धन लाभ के योग बनते हैं और इंसान को जीवन में कभी भी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है।
- इसके अलावा भोग के लिए खीर भी बना सकते हैं। इसका भोग लगाने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और इंसान को आरोग्य की भी प्राप्ति होती है।
- भगवान विष्णु को केला प्रिय है। प्रभु को केला का भोग जरूर लगाएं। मान्यता है कि भोग में केला शामिल करने से धन से संबंधित समस्या से छुटकारा मिलता है। साथ ही कुंडली में से गुरु दोष का असर खत्म होता है।
- योगिनी एकादशी पर विष्णु जी को दूध और दही अर्पित करें। इससे साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है।
- विष्णु जी को मोतीचूर के लड्डू अर्पित करें। इससे एकदशी व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
भोग मंत्र
त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।
गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।
इस मंत्र का अर्थ यह है कि हे भगवान जो भी मेरे पास है। वो आपका ही दिया हुआ है। जो आपको ही समर्पित कर रहे हैं। कृपा करके मेरे इस भोग को आप स्वीकार करें।