जगन्नाथ रथ यात्रा श्रीकृष्ण बलभद्र और उनकी छोटी बहन सुभद्रा को अर्पित है। इस दौरान तीन रथ आकर्षण के केंद्र होते हैं। सदियों पुरानी यह परंपरा सभी भक्तों के लिए बेहद खास है। ऐसा कहा जाता है कि इसकी शुरुआत 12वीं शताब्दी में हुई थी। वहीं इस साल इसकी शुरुआत 07 जुलाई और समाप्ति 16 जुलाई को होगी तो चलिए इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं –
सनातन धर्म में जगन्नाथ रथ यात्रा का बहुत महत्व है। यह सबसे महत्वपूर्ण और शुभ दिनों में से एक है। जगन्नाथ रथ यात्रा एक पर्व की तरह भव्य तरीके से मनाई जाती है। देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस यात्रा से जुड़ते हैं और भगवान की पूजा-पाठ करते हैं। ओडिशा राज्य के लोगों के लिए यह समय बहुत ज्यादा खास होता है, जिसकी झलक अभी से देखने को मिलने लगी है।
वहीं, इस साल इसका आरंभ 07 जुलाई और समापन 16 जुलाई को होगा, तो आइए इससे जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं –
जगन्नाथ रथ यात्रा से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
हिंदू धर्म में जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra 2024) बहुत विशेष मानी जाती है। यह त्योहार भगवान कृष्ण के साथ-साथ भाई बलभद्र और उनकी छोटी बहन सुभद्रा की पूजा के लिए समर्पित है। यह दिव्य उत्सव पूर्णिमा से शुरू होता है। इस उत्सव के दौरान मुख्य रूप से तीन रथ आकर्षण के केंद्र होते हैं। सदियों पुरानी यह परंपरा सभी भक्तों के लिए खास है। ऐसा कहा जाता है कि इसकी शुरुआत 12वीं शताब्दी में हुई थी। इस शुभ अवसर पर पुरी के जगन्नाथ मंदिर से बलराम, जगन्नाथ और सुभद्रा की मूर्तियां बाहर आती हैं। इसके बाद इस पवित्र यात्रा की शुरुआत होती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस रथ को खींचने से भगवान जगन्नाथ अपने भक्तों को अपार सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं और उनकी सभी बाधाओं का नाश करते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि इसमें शामिल होने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
कब से शुरू है जगन्नाथ रथ यात्रा 2024?
वैदिक पंचांग को देखते हुए जगन्नाथ रथ यात्रा 07 जुलाई, 2024 को प्रात: 08 बजकर 05 मिनट से लेकर प्रात: 09 बजकर 27 मिनट तक निकाली जाएगी। इसके पश्चात दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से लेकर 01 बजकर 37 मिनट तक निकाली जाएगी। फिर शाम 04 बजकर 39 मिनट से लेकर 06 बजकर 01 मिनट तक निकाली जाएगी।